बजरंग का फीतले दांव खुद पर पड़ा भारी, सेमीफाइनल मुकाबले में हारे
टोक्यो: एक ही दिन में तीन कुश्ती लड़ना आसान नहीं है। सुबह दो कुश्ती लगातार जीतने के बाद बजरंग पुनिया सेमीफाइनल का महत्वपूर्ण मुक़ाबला अजरबैजान के पहलवान से हार गए। इसमें भी कोई शक नहीं कि अजरबैजान के अलीयेव हाजी आज बहुत अच्छी कुश्ती लड़े। शुरुआत धीमी करने के बाद वो फिर एकदम से बजरंग पुनिया पर भारी पड़ गए और फिर उन्हें उभरने नहीं दिया।
जो फीतले दाँव बजरंग की पहचान रहा है उसी दाँव को अलीयेव ने बजरंग के खिलाफ कुश्ती के अहम पड़ाव पर लगाकर लगातार 4 पॉइंट जीत लिए। बजरंग पहलवान 5-12 से हार गए। बजरंग बहुत बढ़िया पहलवान हैं। उन्होंने इस ओलिंपिक के लिए बहुत कड़ी मेहनत भी की। योरपा और पूर्वी योराप जाकर विशेष प्रशिक्षण लिया। पर केवल इसी से काम नहीं चलता है। कई चीजों का संयोग मिलकर सोना दिलाता है। तीनों कुश्तियाँ एक दिन में ना होकर बजरंग को अलगे दिन खेलने का मौका मिलता तो शाद परिणाम बेहतर हो सकते थे। बहरहाल, जो जीता वही सिकंदर। और सोना तो हाथ से गया, पर अब बजरंग से कांस्य की उम्मीद तो की ही जा सकती है।
सेमीफाइनल मुकाबले में अजरबैजान के पहलवान अलीयेव शुरुआत से ही बजरंग पर भारी पड़े। बजरंग पहले ही पीरिएड में अपने प्रतिद्वंदी से 4-1 से पिछड़ गए। दूसरे पीरिएड में अलीयेव ने बजरंग पुनिया का मशहूर फीतले दांव उन्हीं पर लगा दिया और अंक हासिल कर लिए। दूसरे पीरिएड में बजरंग 7-1 से पीछे हो गए। इसे बाद उन्होंने 2 अंक बटोरे।
लेकिन अलीयेव ने भी इस दौरान 2 अंक बटोर कर बजरंग की वापसी की उम्मीद धूमिल कर दी। आखिरी पलों में बजरंग ने फिर 2 अंक लिए। लेकिन हाजी भी 2 अंक बटोरने में सफल रहे। इस दौरान बजरंग 5-11 से पीछे हो गए। वहीं अंतिम पलों में बजरंग के कोच ने हाजी के दांव को चुनौती लेकिन उसे मान्य नहीं किया या। इसके साथ ही भारतीय पहलवान की हार निश्चित हो गई।