बड़ी स्टील कंपनियों पर लंबे समय के लिए दांव लगाने का मौका!
मुंबई : इंडियन स्टील सेक्टर के लिए आने वाला समय बेहतर दिख रहा है। प्रमुख ब्रोकरेज हाउसेज ने टारगेट प्राइस बढ़ा दिए हैं और शेयरों को अपग्रेड कर दिया है। उन्होंने स्टील की दमदार डिमांड और कीमतों में तेजी के आधार पर ऐसा किया है। पिछले कुछ दिनों में मॉर्गन स्टैनली ने जिंदल स्टील की रेटिंग अंडरवेट से अपग्रेड कर ओवरवेट कर दी है। मॉर्गन स्टैनली ने जिंदल स्टील की टारगेट प्राइस भी 174 रुपये से बढ़ाकर 188 रुपये कर दिया है। उसने जेएसडब्ल्यू स्टील और स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड की रेटिंग भी अपग्रेड कर अंडरवेट से इच्लवेट कर दिया है। उसने जेएसडब्ल्यू स्टील का टारगेट प्राइस 278 रुपये से बढ़ाकर 296 रुपये और सेल का 53 रुपये से बढ़ाकर 54 रुपये कर दिया है। गोल्डमैन सैक्स ने भी जेएसडब्ल्यू स्टील की रेटिंग्स न्यूट्रल से अपग्रेड कर बाय कर दी है और 315 रुपये का टारगेट प्राइस दिया है। अल्फा इन्वेस्को के सीआईओ चेतन फाल्के ने कहा, इंडियन स्टील इंडस्ट्री कई साल की तेजी के मुहाने पर है। देश में स्टील की ऊंची कीमतों, उत्पादन क्षमता के बढ़ रहे उपयोग, बैलेंस शीट पर कर्ज में कमी और साल 2022 तक सरकार के एंटी-डंपिंग ड्यूटी लगाने को देखते हुए यह कॉन्ट्रेरियन दांव लगाने का समय है। जिंदल स्टील ऐंड पावर, टाटा स्टील, जेएसडब्ल्यू स्टील और सेल ने पिछले सालभर में सेंसेक्स के मुकाबले 15 से 50 प्रतिशत तक कमजोर प्रदर्शन किया है। भारत में डिमांड दमदार है, लेकिन एक्सपोर्ट्स में सुस्ती के कारण प्रॉडक्शन पर असर पड़ा है। रेटिंग एजेंसी इकरा ने हाल में कहा था कि इंडियन स्टील डिमांड 7 प्रतिशत से ज्यादा की दर से बढ़ेगी, वहीं वर्ल्ड स्टील असोसिएशन ने 2019 में भारत में ग्रोथ का अपना अनुमान पिछले साल 6 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.3 प्रतिशत कर दिया था। सरकारी कदमों और ठोस देसी मांग के कारण स्टील की कीमतों में तेजी आई है, जबकि इंटरनैशनल प्राइसेज में भी रिकवरी दिखी है। मंथली प्रॉडक्शन ग्रोथ लंबे समय के ठहराव के बाद पिछले दो महीनों में बढ़ी है। ऐनालिस्ट्स का कहना है कि रिस्क-रिवॉर्ड का हाल अनुकूल दिखने के कारण अपग्रेड किए गए हैं।