बढ़ती कीमतों को रोकने के लिए सरकार ने प्याज, चीनी पर लगाया स्टॉक लिमिट
केन्द्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के प्रवक्ता ने मंगलवार को यहां बताया कि आवश्यक वस्तुओं की कीमतें नियंत्रित रहे, इसके लिए सभी राज्यों/संघ शासित क्षेत्रों को प्याज के व्यापारियों पर स्टॉक लिमिट लगाने का निर्देश दिया है। इस निर्णय को मंत्रालय ने पहले ही अधिसूचित कर दिया है।
अब राज्य सरकार प्याज के संबंध में स्टॉक सीमा लगा सकेंगे और जमाखोरीरोधी ऑपरेशनों, सट्टेबाजों और मुनाफाखोरों के विरूद्ध कार्रवाई करने जैसे विभिन्न कदम उठा सकेंगे।
मंत्रालय के मुताबिक हाल ही के सप्ताहों में, विशेषत: इस वर्ष जुलाई माह के अंत से आगे प्याज की कीमतों में हुई असामान्य वृद्धि के चलते यह कदम उठाना आवश्यक था। जांच के उपरांत पता चला कि प्याज के मूल्यों में असामान्य वृद्धि करने वाले कारणों में प्याज की कमी के अलावा कुछ अन्य कारण भी हैं जैसे कि जमाखोरी और सट्टेबाजी आदि।
इसलिए राज्यों को ऐसे व्यापारियों, जो प्याज की सट्टेबाजी, जमाखोरी और मुनाफाखोरी से जुड़े हैं, के विरूद्ध कार्रवाई करने के लिए समर्थ बनाना आवश्यक था। सरकार का मामनना है कि इन उपायों से प्याज की कीमतों में उचित स्तर तक कमी आने का अनुमान है जिससे उपभोक्ताओं को तत्काल राहत मिलेगी।
चीनी पर दो महीने रहेगी स्टॉक लिमिट
सरकार ने चीनी की आपूर्ति को भी दुरुस्त करने और कीमतों को काबू में रखनें के लिए आगामी सितंबर और अक्टूबर महीने के दौरान चीनी मिलों के लिए स्टॉक लिमिट तय कर दी है। ये त्योहारों से पहले कीमतों पर लगाम लगाने की कोशिश है जिसके तहत सितंबर के अंत में स्टॉक सीमा कुल उत्पादन की 21 फीसदी तय की गई है। इसी तरह अक्टूबर के अंत में स्टॉक सीमा कुल उत्पादन की आठ फीसदी तय की गई है।