एजेंसी/ जून का महीना आपके लिए महंगाई की सौगात लेकर आया है. बुधवार से आपको हर एक सेवा की ज्यादा कीमत चुकानी होगी. इस साल बजट में वित्त मंत्री ने सर्विस टैक्स पर आधा फीसदी कृषि कल्याण सेस लगाने का एेलान किया था, जो 1 जून से लागू हो गया.
कुल 15 फीसदी हो जाएगा सर्विस टैक्स
इसके साथ ही सर्विस टैक्स की दर भी 15 फीसदी तक पहुंच जाएगी. फिलहाल, सर्विस टैक्स जहां 14 फीसदी की दर से चुकाना होता है तो उस पर आधा फीसदी स्वच्छ भारत सेस और अब आधा फीसदी कृषि कल्याण सेस भी लग जाएगा.
सेवाएं हो जाएंगी महंगी
इस सेस के लगने के बाद तमाम सेवाएं जिन पर सर्विस टैक्स लगता है वो और महंगी हो जाएंगी. मसलन पार्लर जाना, रेस्टोरेंट में खाना, हवाई सफर, बिल पेमेंट, सिनेमा टिकट, बिजली बिल, टेलीफोन बिल, घर की मरम्मत कराना और यहां तक की होटल का किराया भी महंगा हो जाएगा.
और जटिल हो जाएगी टैक्स संरचना
उद्योग जगत और एक्सपर्ट मानते हैं कि ये सेस मौजूदा टैक्स स्ट्रक्चर को और ज्यादा कंफ्यूसिंग बना देगा. इंडस्ट्रियल चैम्बर एस्सोचेम के चीफ एडवाइजर जी पी श्रीवास्तव का कहना है कि ये टैक्स, टैक्स संरचना को और जटिल बना देगा. श्रीवास्तव के मुताबिक ये सेस गैर जरुरी है और सरकार के पास टैक्स बढाने के आसान तरीके भी थे.
इस सेस के लगने से सर्विस टैक्स के मामलों में कन्फ्यूजन और बढ़ जाएगा. कई जानकार मानते हैं कि सेस लगाने की बजाय टैक्स की दर को बढ़ाना सरकार के लिए ज्यादा अच्छा विकल्प था. सर्विस टैक्स के मामले में ये कन्फ्यूजन और ज्यादा रहेगा क्योंकि उस पर स्वच्छ भारत सेस और अब कृषि कल्याण सेस भी लग गया है.
1 जून के बाद जेब हो जाएगी और ढीली
दूसरी तरफ सरकार की मंशा सर्विस टैक्स की दर को जीएसटी की 17-18 फीसदी की दर के नजदीक पहुंचाने की है ताकि जीएसटी लागू होते समय ग्राहकों को ज्यादा बड़ा झटका न लगे. तमाम बातों के बाद भी सरकार का सेस का तरीका काफी लोगों को हजम नहीं हो रहा. बहरहाल, कोई सहमत हो या असहमत लेकिन 1 जून से कृषि कल्याण सेस और उससे महंगी होनी वाली सेवाएं आम आदमी की जेब और ढीली करने जा रही हैं.