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बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू…

बदरीनाथ: धार्मिक परंपराओं के अनुसार श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। भगवान बदरी विशाल के शीतकालीन पूजास्थल पांडुकेश्वर के योगध्यान बदरी मंदिर से टिहरी जिले के नरेंद्रनगर स्थित राज दरबार के लिए गाडू घड़ा (कलश यात्रा) के प्रस्थान करने के साथ ही यह प्रक्रिया आरंभ हो गई। 29 जनवरी को बसंत पंचमी पर कलश को नरेंद्रनगर लाया जाएगा।

श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि बसंत पंचमी को नरेंद्रनगर टिहरी स्थित राज दरबार में निर्धारित की जानी है। इससे पहले कलश यात्रा को राज दरबार में पहुंचाया जाता है। बदरीनाथ भगवान की शीतकालीन पूजा स्थली पांडुकेश्वर स्थित योगध्यान बदरी मंदिर से बीती शाम को डिमरी केंद्रीय पंचायत के सदस्य कलश यात्रा के साथ इस वर्ष के बारीदार किशोर पंवार के घर पहुंचे। रात्रि को बारीदार के घर पर कलश की पूजा-अर्चना की गई।

सुबह कलश को लेकर ग्रामीण शंखनाद के साथ बारीदार के घर से योगध्यान बदरी मंदिर पहुंचे। यहां पर योगध्यान बदरी मंदिर के पुजारी राजेंद्र प्रसाद डिमरी ने कलश की पूजा-अर्चना कर भगवान को भोग लगाया।

योगध्यान बदरी मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद कलश को भजन्र4कीर्तन के साथ फिर से बारीदार किशोर पंवार के घर ले जाया गया। यहां पर डिमरी पंचायत के सदस्यों ने पूजा अर्चना करने के बाद भगवान बदरी विशाल को इस वर्ष का लगाए जाने वाला पहला राजभोग बनाया।

इसे प्रसाद के रूप में ग्रामीणों को वितरित किया गया। कलश यात्रा को टिहरी स्थित नरेंद्रनगर दरबार के लिए रवाना किया गया। कलश लेकर केंद्रीय डिमरी पंचायत के सदस्य दोपहर जोशीमठ नृसिंह मंदिर में पहुंचे। यहां भी श्रद्धालुओं ने कलश की पूजा अर्चना की। इसके बाद कलश को रात्रि पूजा के लिए डिम्मर स्थित लक्ष्मीनारायण मंदिर में ले जाया गया। मंगलवार को कलश को डिम्मर से ऋषिकेश ले जाया जाएगा। जहां पर मंदिर समिति के कार्यालय में कलश की पूजा अर्चना की जाएगी। उसके बाद 29 जनवरी को बसंत पंचमी के अवसर पर कलश को नरेंद्र नगर ले जाया जाएगा।

ओंकारेश्वर मंदिर पहुंची तुंगनाथ की देवारा यात्रा

पंच केदारों में तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ की दूसरे चरण की देवरा यात्रा पठाली गांव में भ्रमण के बाद रात्रि विश्राम के लिए केदारनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर पहुंची। जहां भगवान की डोली का बद्री-केदार मंदिर समिति का जोरदार स्वागत हुआ। साथ ही 18 साल बाद भगवान तुंगनाथ व ओंकारेश्वर अदभुत मिलन के साक्षी सैकड़ों श्रद्धालु बनेंगे।

गत 10 जनवरी से शुरू हुई भगवान की तुंगनाथ की देवरा यात्रा के दौरान सोमवार को पठाली गांव में आचार्य माहेश्वर प्रसाद मैठाणी समेत कई वेदपाठियों ने भगवान तुंगनाथ व देवकंडी, भुतेर, रूपछड़ी सहित देवरा यात्रा के साथ चल रहे अनेक देवी-देवताओं के निशाणों का रूद्राभिषेक, हवन व आरती कर विशेष पूजा अर्चना की। 11 बजे भगवान तुंगनाथ की देवारा यात्रा ने पठाली गांव के घर-घर जाकर भ्रमण किया। इस दौरान ग्रामीण, धियाणियों व श्रद्धालुओं की कुशलक्षेम पूछी।

वहीं श्रद्धालुओं ने भी देवरा यात्रा का पुष्पवर्षा कर भव्य स्वागत किया तथा लाल, पीले वस्त्र अर्पित कर विश्व कल्याण की कामना की। देवरा यात्रा ने विभिन्न पड़ावों पर श्रद्धालुओं को आशीष देकर कुशलक्षेम पूछी। जिसके बाद देर शाम देवरा यात्रा रात्रि प्रवास के लिए पंचकेदार शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मन्दिर पहुंची। मंगलवार को भगवान तुंगनाथ की देवारा यात्रा रात्रि प्रवास के लिए भटवाडी गांव पहुंचेगी। इस मौके पर दिवारा यात्रा प्रभारी युद्धवीर पुष्वाण, मठापति राम प्रसाद मैठाणी, अध्यक्ष भूपेन्द्र मैठाणी, विनोद मैठाणी, जगदम्बा मैठाणी, आशीष मैठाणी, अतुल मैठाणी, जगदीश प्रसाद मैठाणी सहित सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद थे।

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