देहरादून : आज सुबह सवा छह बजे श्रद्धालुओं के लिए केदारनाथ धाम के कपाट खोल दिये गये। इस बार यात्रा पर आने वाले लोगों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पिछले साल की घोषणा के अनुरूप विभिन्न योजनाओं के अमल में आने से हुए परिवर्तन का एहसास होने लगेगा।प्रधानमंत्री मोदी को केदारनाथ में किये जा रहे पुनर्निर्माण कार्यो की प्रगति की जानकारी देने वाले प्रदेश के मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने बताया कि मंदिर के चबूतरे का क्षेत्रफल 1500 वर्ग मीटर से बढ़ाकर 4125 वर्ग मीटर कर दिया गया है तथा वर्ष 2013 में आयी प्राकृतिक आपदा में मंदाकिनी और सरस्वती नदियों के संगम स्थल से मंदिर परिसर तक 270 मीटर की दूरी पर इकट्ठा हो गये 12 फीट मलबे को खोदाई कर हटा दिया गया है।
प्रधानमंत्री की अपेक्षा के अनुरूप सरस्वती और मंदाकिनी नदियों के संगम से केदारनाथ मंदिर के बीच मुख्य दृश्य तक बीच में कोई भी दुकान नहीं लगायी जा सकेगी जिससे तीर्थयात्रियों को मंदिर का दृश्य दूर से साफ दिखायी दे। सरस्वती नदी पर 470 मीटर और मंदाकिनी नदी पर 380 मीटर लंबाई में सुरक्षा दीवार बनायी जा रही है। जबकि गरुड़चट्टी से केदारनाथ धाम तक का साढे़ तीन किलोमीटर पैदल मार्ग का पुनर्निर्माण कार्य पूरा हो गया है। मंदाकिनी के दाहिने तट से 200 मीटर ऊंचाई पर योग ध्यान गुफा का निर्माण कराया जा रहा है। सिंह ने बताया कि गौरीकुंड से लिंचैली होते हुए मार्ग का चौड़ीकरण और सुधारीकरण कार्य 70 प्रतिशत तक पूरा कर लिया गया है जबकि मंदिर के पूर्वी भाग में हिमस्खलन और भूस्खलन से बचाव के लिए 300 मीटर में बैरियर और ड्रेनेज निर्माण कार्य पूरा हो गया है। केदारनाथ पुनर्निर्माण के लिए केदारनाथ उत्थान चैरिटेबल ट्रस्ट बनाया गया है जिसमें अब तक लगभग 10 करोड़ रुपये सीएसआर मद से जमा हो चुके हैं, श्री केदार धाम में आने वाले तीर्थ यात्रियों की जानकारी के लिए मोबाइल एप बनाया गया है जिससे भारत की सभी भाषाओं में तीर्थ के महत्व की जानकारी मिलेगी।