‘बदला’ तो ठीक लेकिन अमरनाथ हमले से उठे इन सवालों के जवाब क्या देगी सरकार?
अमरनाथ यात्रा पर हमले की पूरे देश में निंदा हो रही है. सरकार से लेकर विपक्ष तक सभी इसकी निंदा कर रहे हैं. सरकार से लोग जवाबी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं लेकिन इस मामले ने कई सवाल भी खड़े किए हैं जो सुरक्षा में चूक, आतंकवाद के खिलाफ हमारी रणनीति आदि से जुड़ी हुई है. आखिर इनके जवाब कौन देगा?
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सोमवार की शाम जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में अमरनाथ यात्रियों पर एक आतंकी हमला हुआ जिसमें 7 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 19 यात्री घायल हो गए. सभी राजनीतिक पार्टियों ने हमले की कड़ी निंदा की है. दिल्ली से लेकर श्रीनगर तक में हाई लेवल मीटिंग हो रही हैं जिसमें सुरक्षा सहित कई मुद्दों पर चर्चा हो रही है. लेकिन इस हमले की वजह से कुछ ऐसे सवाल सामने आए हैं जिनका जवाब केंद्र की मोदी और राज्य की महबूबा मुफ्ती सरकार को देना चाहिए.
सुरक्षा में चूक, किसकी जिम्मेदारी?
अमरनाथ यात्रियों पर हुए इस हमले की वजह से यात्रियों के सुरक्षा से जुड़े सवाल प्रमुख्ता से उठ रहे हैं. 29 जून से अमरनाथ यात्रा शुरू हुई थी. यात्रा शुरू होने के साथ ही खुफिया विभाग ने अलर्ट जारी किया था कि आतंकी यात्रियों को निशाना बना सकते हैं. इसके बाद सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम कर दिए गए थे. करीब 40 हज़ार सुरक्षाकर्मी यात्रियों की सुरक्षा में लगाए गए थे. दूसरे इंतज़ाम भी थे. फिर यह हमला कैसे हो गया? हमले के बाद केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा, ‘जो जानकारी उपलब्ध है, उसके मुताबिक बस श्राइन बोर्ड के साथ रजिस्टर्ड नहीं थी. इसके अलावा, बस के साथ कोई सुरक्षा नहीं थी हालांकि, प्रशासन इस मामले की जांच कर रही है और फाइनल रिपोर्ट के आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है.’