बनी और मल्हार के पहाड़ों पर भारी बर्फबारी
अनुमान के अनुसार बनी में तापमान इस साल के न्यूनतम रिकार्ड माइनस चार डिग्री तक लुढ़क सकता है। जिले के बनी और मल्हार के पहाड़ों पर एक फुट से ज्यादा मोटी बर्फ की सफेद चादर बिछ गई है।
इस दौरान बिजली की आंख मिचौनी का खेल भी शुरू हो गया है। इस बीच सबसे ज्यादा दुश्वारियां पर्वतीय इलाकों में हैं। बनी के दूरदराज संदरून, कोटी चंडियार, बांजल, जोड़े माता, डग्गर, दुलंगल, नुकनाली, भंडार और सरथल में भारी बर्फबारी हुई है।
इधर कठुआ शहर व आसपास के इलाकों में भी मौसम ने अपना असर दिखाया। तापमान में गिरावट और पहाड़ी चोटियों पर बर्फबारी से मैदानों में लोग ठिठुरने को मजबूर हो गए हैं।
भारी बर्फबारी से दो महीनों तक प्रभावित रहने वाले जिले के उच्च पर्वतीय इलाकों के लिए राशन और केरोसिन का भंडारण शुरू हो गया है।
मौसम में बदलाव को देखते हुए खाद्य सुरक्षा एवं जनवितरण विभाग ने बनी और लोहाई मल्हार के लिए राशन का भंडारण करवा दिया है। विभाग के सहायक आयुक्त केवल कृष्ण ने बताया कि बनी के लिए जहां अगले दो माह का कोटा भेज दिया गया है, केरोसिन का एक अतिरिक्त टैंकर भी रवाना कर दिया गया है।
बनी के पहाड़ी इलाकों में हुई बर्फबारी के चलते बनी-भद्रवाह मार्ग एक बार फिर बंद हो गया है। छत्तरगलां के नजदीक भारी बर्फबारी के चलते सड़क निर्माण कार्य पर भी ब्रेक लग गई है। गौरतलब है कि हर साल दिसंबर महीने में बर्फबारी के कारण बनी-भद्रवाह मार्ग पर जहां यातायात ठप हो जाता है।
सड़क निर्माण पर भी ब्रेक लग जाती है। अमूमन यह काम अप्रैल महीने में जाकर एक बार फिर शुरू हो पाता है। गौरतलब है कि छत्तरगलां से भद्रवाह तक 128 से 135 किलोमीटर तक सड़क को काटने का काम चल रहा है। बनी से काम की रफ्तार को इस साल तेज किया गया है और किलोमीटर 89 से 102 तक सरफेसिंग का काम चल रहा है।
उधर भद्रवाह की ओर 135 से 145 किलोमीटर मार्क पर भी सरफेसिंग का काम शुरू कर दिया गया है। भद्रवाह-बनी सड़क का निर्माण कार्य देख रहे ओसी, ग्रेफ सुनील कुमार ने बताया कि सरथल से भद्रवाह सड़क पर बर्फबारी के चलते काम बंद है। उन्होंने कहा कि तापमान गिरने और भारी बर्फबारी के चलते अगले तीन महीने के लिए काम ठप रहेगा।