बराक ओबामा जी-20 बैठक में हिस्सा लेने चीन पहुंचे
बीजिंग। अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए शनिवार को चीन के हांगझू शहर पहुंचे। राष्ट्रपति के रूप में कार्यकाल समाप्त होने से पहले यह एशिया का उनका 11वां दौरा है। हांगझू में 4-5 सितंबर को आयोजित सम्मेलन के दौरान ओबामा इस बात को दोहरा सकते हैं कि अमेरिका अपना ध्यान एशिया की तरफ केंद्रित कर रहा है।
ओबामा शनिवार को बाद में अपने चीनी समकक्ष शी जिनपिंग से मुलाकात के साथ अपने एशियाई एजेंडे की शुरुआत कर सकते हैं।
कैलिफोर्निया में साल 2013 में पहली बार मुलाकात के बाद दोनों नेताओं के बीच आमने-सामने की यह आठवीं बैठक तथा चौथी आधिकारिक द्विपक्षीय बैठक होगी।
व्हाइट हाउस के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बेन रोड्स के मुताबिक, बीते सप्ताह एशियाई मामलों के व्हाइट हाउस के वरिष्ठ निदेशक डैनियल क्रिटेनब्रिंक ने कहा था कि शी के साथ ओबामा अपने द्विपक्षीय संबंधों के सकारात्मक पहलुओं पर चर्चा कर सकते हैं।
दोनों देश पेरिस में बीते साल दिसंबर में जलवायु शिखर सम्मेलन सीओपी21 के दौरान हुए जलवायु समझौते की पुष्टि की घोषणा करने वाले थे।
चीन की संसद ने अपने द्विमासिक सत्र के अंत में शनिवार को जलवायु समझौते की पुष्टि कर दी है।
आम सहमति के अन्य मुद्दों में अफगान सुलह प्रक्रिया पर परस्पर प्रयास तथा ईरान के परमाणु समझौते पर भी चर्चा होगी।
दोनों पक्षों ने अबतक यह संकेत दिया है कि वे उन विषयों को नहीं उठाएंगे, जिसपर असहमति जताई गई है। इनमें दक्षिण चीन सागर विवाद, उत्तर कोरिया परमाणु खतरे से निपटने के तरीके और चीन में मानवाधिकार का मुद्दा शामिल है।
व्हाइट हाउस ने पुष्टि की है कि सम्मेलन से पहले ओबामा ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे तथा तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन से भी मुलाकात करेंगे।
लाओस रवाना होने से पहले सोमवार को ओबामा एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करेंगे। ओबामा लाओस की यात्रा करने वाले अमेरिका के पहले राष्ट्रपति होंगे।
लाओस में वह अमेरिका-आसियान (दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन) शिखर सम्मेलन तथा पूर्व एशिया शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे, जो नौ सितंबर तक चलेगा। इस दौरान वह ट्रांस-पैसिफिक पार्टनरशिप को बढ़ावा देंगे।