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बलूचिस्तान को आजादी नहीं दिला पाएंगे पीएम मोदी…

Washington: Prime Minister Narendra Modi addressing a joint meeting of Congress on Capitol Hill in Washington on Wednesday. PTI Photo by Kamal Kishore(PTI6_8_2016_000205A)

न्यूयॉर्क। पीएम मोदी अब बलूचिस्तान को आजादी नहीं दिला पाएंगे। इस राह में उनके आड़े एक अजीज दोस्त आ गया है। इस दोस्त ने साफ संकेत दिए हैं कि वह बलूचिस्तान को आजाद होते नहीं देखना चाहता है।

माना जा रहा है कि अब अगर पीएम नरेंद्र मोदी ने बलूचिस्तान की आजादी की तरफ कदम बढ़ाया, तो उन्हें दोहरा झटका मिल सकता है। यह झटका देने वाला कोई और नहीं, बल्कि अमेरिका के राष्‍ट्रपति बराक ओबामा होंगे।

एक तरफ पाकिस्तान इस मुद्दे को संयुक्त राष्‍ट्र संघ में उठाकर भारत पर दबाव बनाना चाहता है। दूसरी तरफ अब ओबामा के एक अधिकारी ने खुलकर कहा कि अमेरिका किसी भी सूरत में पाकिस्तान की एकता और अखण्‍डता का विरोध नहीं करेगा।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा है कि हमारा देश बलूचिस्तान की स्वतंत्रता का समर्थन नहीं करता। संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा, ‘सरकारी की नीति है कि हम पाकिस्तान की अखण्‍डता का समर्थन करें। हम बलूचिस्तान की स्वतंत्रता का समर्थन नहीं करते।’

सम्मेलन में किर्बी से बलूचिस्तान के अंदर और बाहर दोनों ओर से इस राज्य की आजादी की मांग पर सवाल किया गया था। यहां उन्होंने पाकिस्तानी सुरक्षा बलों द्वारा मानवाधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ आवाजें तेज होने से जुड़े सवालों का जवाब भी दिया। हालांकि बलूचिस्तान की आजादी पर उनके जवाब से भारत को झटका लग सकता है।

 

दरअसल, पाकिस्तान ने बलूचिस्तान पर पीएम नरेंद्र मोदी के बयान का विरोध करने के लिए संयुक्त राष्‍ट्र का दरवाजा खटखटाया है। संयुक्त राष्‍ट्र में अमेरिका की हनक है। ऐसे में माना जा रहा है कि अब बलूचिस्तान की आजादी आसान नहीं होगी।

यह हाल तब है, जबकि बीते दिनों जी 20 में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्‍ट्रपति बराक ओबामा ने साथ में जाम लड़ाए थे। खुद अमेरिकी राष्‍ट्रपति बलूचिस्तान में मानवाधिकारों के हनन पर पाकिस्तान की खिंचाई कर चुके हैं। लेकिन अब उनके वरिष्‍ठ अधिकारी के बयान से अमेरिका की बदलती सोच सामने आ रही है।

किर्बी से पूछा गया था, ‘बलूचिस्तान को आजादी दिलाने पर अमेरिका का क्या रूख है ? क्योंकि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह मुद्दा उठाया है।’ उन्होंने जवाब दिया, ‘अमेरिकी सरकार बलूचिस्तान की स्वतंत्रता का समर्थन नहीं करती।’

बीते 15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकिले की प्राचीर से पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर, गिलगित और बलूचिस्तान का मुद्दा उठाया था।

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