बसपा की राह पर कांग्रेस, दलितों को रिझाने के लिए निकालेगी 2 दिन की स्वाभिमान यात्रा
उत्तर प्रदेश में 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में राजनीतिक दलों ने अपना दमखम दिखाना शुरू कर दिया है. पार्टियां नई-नई रणनीतियों के साथ मैदान में उतर रही हैं. जहां बसपा ने ब्राह्मणों को रिझाने के लिए अयोध्या से ब्राह्मण सम्मेलन की शुरुआत की, वहीं कांग्रेस अब दलितों को साधने में जुट गई है. उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने जातीय कार्ड खेलते हुए मंगलवार से दो दिन के लिए दलित स्वाभिमान यात्रा निकालने का फैसला किया है. माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों से अधिक दलित मतदाताओं को देखते हुए कांग्रेस ने उन्हें रिझाने के लिए ये रणनीति तैयार की है.
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने बताया कि 3 अगस्त से शुरू होने वाली दलित स्वाभिमान यात्रा को कांग्रेस पूरे प्रदेश में करेगी. इस दौरान दलित भाइयों से हम घर-घर जाकर मिलेंगे और उनको हम बताएंगे कि कांग्रेस पार्टी ने उनके लिए पिछले समय में क्या-क्या काम किए हैं. साथ ही उनको हक और अधिकार के लिए भी जागरुक किया जाएगा. ताकि वे अपना अधिकार और हक जान सकें.
उन्होंने कहा कि दलित भाइयों को हम यह भी बताएंगे कि हमने उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के दौरान पिछले सारे 4 सालों में क्या-क्या काम किए हैं और किन-किन गंभीर मुद्दों को उठाकर सरकार को चेताकर उसके खिलाफ आवाज उठाई है, चाहे वह नौजवान के रोजगार की बात हो या फिर महंगाई से लेकर, बिजली, पानी, सड़क और विकास का मुद्दा. इन सभी चीजों से हम अपने दलित भाइयों को अवगत कराएंगे.
वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता अशोक सिंह ने आज तक को बताया कि यूपी कांग्रेस की ओर से शुरू होने वाली इस दलित स्वाभिमान यात्रा के दौरान पार्टी के कार्यकर्ता राज्य के भीतर हो रहे दलित उत्पीड़न के मुद्दे को उठाने का काम करेंगे. पार्टी की ओर से राज्य सरकार को अगले 10 दिनों में दलित उत्पीड़न रोकने के लिए ठोस कदम उठाने को लेकर अल्टीमेटम दिया जाएगा. कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, अगर दिए गए समय में सरकार की ओर से कोई खास कदम नहीं उठाया गया तो कांग्रेस पार्टी राज्य में बड़े स्तर पर दलितों के लिए आंदोलन करेगी.