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बसपा के बाद अब बीजेपी ने यूपी चुनाव से पहले ब्राह्मणों को साधने के लिए बनाई ये योजना

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 से पहले राजनीतिक पार्टियां वोट बैंक साधने में जुट चुकी हैं। यूपी में ब्राह्मण वोटरों को साधने के लिए बसपा ने आयोध्‍या में ब्राह्मण सम्‍मेलन करने का ऐलान किया है। जिसके बाद बीजेपी अब ब्राह्मणों का समर्थन मांग रही है।बीजेपी के मंत्री, सांसद, विधायक और पदाधिकारी संतों और धर्मगुरुओं का आशीर्वाद लेने के लिए मंदिरों में जाएंगे। बता दें उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ब्राह्मण वोट हासिल करने की लड़ाई जारी है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के बाद अब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) भी ब्राह्मण खेमे को लुभाने की कोशिश कर रही है। इससे पहले, बसपा अध्यक्ष मायावती ने घोषणा की थी कि पार्टी पूरे उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण सम्मेलन आयोजित करेगी।

यूपी बीजेपी की कार्यसमिति की बैठक में तय हुआ कि 24 जुलाई को गुरु पूर्णिमा पर बीजेपी नेता और निगमों में पदस्थ लोग सभी मठों और मंदिरों में दर्शन करेंगे। यूपी के मंत्री बृजेश पाठक ने इंडिया टुडे टीवी से कहा, “भाजपा ने हमेशा गुरुओं का सम्मान किया है और इसके माध्यम से हम समुदाय को अपना सम्मान देना चाहते हैं।” उन्होंने कहा कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने वालों को पुनर्विचार करना चाहिए। बीजेपी के लिए संतों का बहुत महत्व है।”

मायावती पर तंज कसते हुए भाजपा प्रवक्ता अशोक पांडे ने कहा कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने पहले भी ब्राह्मणों को लुभाने की कोशिश की थी, लेकिन उनका इस्तेमाल केवल राजनीतिक उपलब्धियों के लिए किया है। उन्होंने कहा कि ब्राह्मणों को पता है कि कहां रहना है और कौन उनके लाभों को सुरक्षित रख सकता है। समाजवादी पार्टी के नेता अनुराग भदौरिया ने ब्राह्मण राजनीति पर संदेह जताते हुए कहा कि अगर बीजेपी ने पिछले चार साल में काम किया होता तो उसे संतों से नहीं मिलना पड़ता और न ही कोई जातिगत कार्यक्रम करना पड़ता।

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