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लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के राष्ट्रीय पार्टी होने का दर्जा कभी भी छिन सकता है। लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद चुनाव आयोग ने नोटिस दिया था, जिसके जवाब में पार्टी मुखिया मायावती ने यह दलील देते हुए मोहलत मांगी थी कि हरियाणा और महाराष्ट्र चुनाव सहित कुछ राज्यों में चुनाव होने हैं। इस लिए उन्हें समय दिया जाए, लेकिन इन चुनावों में भी हाथी कोई करिश्मा नहीं कर सका, उसका वोट फीसद पहले से भी कम हो गया है। महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे आए हैं। लोकसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत पाने वाली बसपा यहां केवल खाता ही खोल पाई। उसे कम से कम दो सीट चाहिए थी, लेकिन केवल हरियाणा की एक सीट प्रिथला से बसपा उम्मीदवार टेकचंद जीत सके। यह भी महज संयोग ही है, लेकिन सच है कि बसपा को अब केवल एक सीट और नहीं जीत पाने की वजह से राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा गंवाना पड़ेगा।