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बस्सी बोले, भारत विरोधी नारेबाजी में कन्हैया के शामिल होने के पुख्ता सबूत : 10 खास बातें
दस्तक टाइम्स एजेंसी/ नई दिल्ली: जेएनयू में भारत विरोधी नारेबाजी के आरोपी छात्रों की तलाश में पुलिस ने दिल्ली,यूपी, बिहार, महाराष्ट्र और जम्मू-कश्मीर में छापेमारी की। पीएम नरेंद्र मोदी से मिलने के बाद दिल्ली पुलिस प्रमुख बीएस बस्सी ने कहा, ‘जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं।’
खास बातें
- बस्सी ने कहा कि जो इस मामले की जांच कर रहे हैं उनका कहना है कि कन्हैया के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। काफी संख्या में इसमें लोगों ने हिस्सा लिया था। हमने कई लोगों की पहचान कर ली है। सभी को खोजा जा रहा है। जल्दी ही सब पकड़े जाएंगे। इसके साथ ही कन्हैया के भारत विरोधी नारेबाजी में शामिल नहीं होने की पीटीआई की एक रिपोर्ट के दावे को उन्होंने खारिज कर दिया।है। दिल्ली पुलिस प्रमुख ने कहा कि उमर खालिद के साथ जेएनयू के कुछ छात्र और इनके अलावा कुछ बाहरी लोग भी थे। वे लोग क्यों आए थे, इस बारे में जांच की जा रही है।बस्सी ने कहा कि जेएनयू में हुए प्रदर्शन में बाहर के लोग भी शामिल थे। हम पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर रहे हैं। इस बीच, जेएनयू के वीसी की ओर से कहा गया है कि यूनिविर्सिटी की अंतरिम रिपोर्ट में भारतीय विरोधी नारेबाजी करने वाले आठ छात्रों के नाम हैं।
- सुप्रीम कोर्ट सोमवार को कोर्ट परिसर में अध्यापकों, छात्रों और पत्रकारों पर हमले के मामले में जेएनयू के एक पूर्व छात्र की ओर से दायर एक याचिका पर भी सुनवाई कर रहा है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि पुलिस इस पूरी घटना के दौरान मूक दर्शक बनी रही।
- पिछले सप्ताह गिरफ्तार किए गए जेएनयू के छात्र नेता कन्हैया कुमार के मामले में सोमवार को कोर्ट में सुनवाई के पहले, कोर्ट के बाहर वकीलों की ड्रेस में मौजूद लोगों में जेएनयू के छात्रों और अध्यापकों के अलावा पत्रकारों के साथ भी मारपीट की।
- मंगलवार को पत्रकारों के एक समूह ने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। पत्रकारों ने इस बात की शिकायत की कि पत्रकारों पर जब हमला किया जा रहा था तो कोर्ट परिसर के पास मौजूद पुलिसवालों ने हमलावरों को रोकने की कोई कोशिश नहीं की। इन पत्रकारों में सुप्रीम कोर्ट में एक अपील भी दाखिल की है जिसमें मामले में 48 घंटे के अंदर कार्रवाई की मांग की गई है।
- केंद्र ने पश्चिम बंगाल की जाधवपुर यूनिवर्सिटी में बुधवार को भारत विरोधी नारेबाजी के मामले में पश्चिम बंगाल सरकार से भी रिपोर्ट तलब की है।
- जेएनयू स्टूडेंट्स की गिरफ्तारी मामले में दिल्ली पुलिस की ओर से रिपोर्ट दी गई है। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, देशद्रोह के मामले में अधिकतम उम्रकैद तक की सजा हो सकती है।
- सरकार अब तक अपने इस रुख पर कायम है कि 28 वर्षीय कन्हैया कुमार ने संसद हमले के दोषी अफजल गुरु के समर्थन में भारत विरोधी नारेबाजी की।
- मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान, केंद्र सरकार की ओर से कहा गया, ‘इस बात की अभी जांच की जा रही है कि यह (देशद्रोह का कथित व्यवहार ) यूथफुल एरर है या अंतरराराष्ट्रीय साजिश।’
- कोर्ट परिसर के पास हिंसा की घटना में भाजपा विधायक ओपी शर्मा को एक वामदल कार्यकर्ता को कथित तौर पर पीटते हुए हुए दिखाया गया है। शर्मा और दिल्ली पुलिस के प्रमुख ने दावा किया है कि उन पर पहले हमला किया गया। उधर, इस राजनेता ने कहा कि कोई भी जो पाकिस्तान के समर्थन में नारेबाजी करता है, उसका यही हश्र होगा….हां।
- विपक्षी पार्टियां इस मामले में सरकार पर निशाना साध रही है कि उसने गलत तरीका अपनाते हुए कन्हैया कुमार और अन्य छात्रों के लिए पुलिस को जेएनयू परिसर की तलाशी लेने को कहा। इन्होंने कहा कि वे भारतीय विरोधी नारेबाजी या ऐसे किसी भी कार्य का समर्थन नहीं करते, लेकिन जेएनयू की घटना की जांच यूनिवर्सिटी द्वारा ही की जानी चाहिए।