उत्तराखंडराज्य

बस में सवार निरीक्षक ने कहा- हेलो इस बस में बम है, जल्दी पहुंचो, मची अफरा-तफरी

देहरादून: हेलो, डॉयल 100। उत्तराखंड परिवहन निगम की यह बस दिल्ली से ऋषिकेश जा रही है और इसमें बम है। रात 10:50 बजे उत्तर प्रदेश पुलिस को आए इस फोन कॉल से अफरा-तफरी मच गई। बस उस समय मुरादनगर (गाजियाबाद) में थी। पुलिस ने आनन-फानन घेराबंदी कर बस रोक ली और बम निरोधक दस्ते ने चेकिंग की।बस में सवार निरीक्षक ने कहा- हेलो इस बस में बम है, जल्दी पहुंचो, मची अफरा-तफरी

बस में बम तो नहीं मिला, लेकिन जांच में पता चला कि यह झूठी सूचना रोडवेज के एक यातायात निरीक्षक ने दी थी। बस में सवार निरीक्षक ने परिचालक से कहासुनी होने पर न सिर्फ उप्र पुलिस की परेड कराई बल्कि यात्रियों से भरी बस दो घंटे मुरादनगर थाने में भी खड़ी रही। उप्र पुलिस ने आरोपी के विरुद्ध कार्रवाई के लिए रोडवेज मुख्यालय को नोटिस भेजा है। मुख्यालय ने आरोपी को ऑफरूट कर दिया है। 

घटना 30 दिसंबर की है, लेकिन रोडवेज मुख्यालय को इसकी रिपोर्ट अब  जाकर मुरादनगर पुलिस की रिपोर्ट के बाद मिली। थानाध्यक्ष मुरादनगर की रिपोर्ट के अनुसार 30 दिसंबर की रात आइएसबीटी पर तैनात उत्तराखंड रोडवेज निरीक्षक विष्णुदत्त त्यागी दिल्ली-देहरादून मार्ग पर मुरादनगर स्थित मनन धाम के समीप बसों की चेकिंग कर रहे थे। इस दौरान ऋषिकेश डिपो की एक साधारण बस (यूके07-पीआर-1536) नई दिल्ली से ऋषिकेश जा रही थी। आरोप है कि त्यागी ने उस बस को रोका व डॉयल 100 पर कॉल कर बस में बम की सूचना दी। चूंकि, डॉयल 100 सीधे लखनऊ से अटैच है तो यूपी पुलिस में खलबली मच गई। 

पुलिस जब बस तक पहुंची तो जांच में कोई बम नहीं मिली। बल्कि जिस बैग में त्यागी बम होने की शिकायत कर रहे थे वह परिचालक का निकला। चालक आनंद सिंह नेगी व परिचालक भगवान स्वरूप ने निरीक्षक की सूचना को झूठा बताया। यूपी पुलिस के मुताबिक इसके बावजूद त्यागी नहीं माने व बस को थाने ले जाने पर अड़े रहे। आरोप है कि वहां अधिकारियों द्वारा त्यागी को समझाने की कोशिश की गई पर त्यागी ने उनके साथ भी बदसलूकी की व अड़े रहे कि बस आगे नहीं जाएगी। 

पुलिस ने आइएसबीटी कश्मीरी गेट पर उत्तराखंड रोडवेज के अधिकारियों को इस संबंध में जानकारी दी तो वहां से सहायक यातायात निरीक्षक महिपाल सिंह और नरेंद्र पाल सिंह को मुरादनगर थाने भेजा गया पर आरोपी त्यागी उनके समझाने पर भी करीब दो घंटे तक नहीं माने। महिपाल और नरेंद्र ने पुलिस को बताया कि त्यागी डिप्रेशन के शिकार हैं और उनका इलाज चल रहा है। करीब दो घंटे तक बस और यात्री थाने में ही परेशान होते रहे। इसके बाद त्यागी की स्थिति कुछ सामान्य होने पर बस रवाना हो सकी। रोडवेज मुख्यालय सूत्रों की मानें तो इससे पहले भी त्यागी की शिकायतें मिल चुकी हैं, बावजूद इसके प्रबंधन उनसे रूट पर चेकिंग का काम ले रहा था। 

मुख्यालय ने मांगी रिपोर्ट 

उत्तराखंड रोडवेज महाप्रबंधक दीपक जैन के मुताबिक मामला संज्ञान में आया है। यूपी पुलिस ने ऋषिकेश डिपो को भी कार्रवाई के लिए सूचित किया है। मुख्यालय ने ऋषिकेश से रिपोर्ट मांगी है। इसके बाद दोषी निरीक्षक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल आरोपी को रूट से हटा दिया गया है।

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