स्वास्थ्य
बाजरे के इस प्रयोग से कोसों दूर भागती हैं पेट की बीमारियां
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बाजरा दस्तावर, गर्म, श्लेष्मा, बलगम का नाश करने वाला होता है। बाजरा शरीर में गर्मी और सूखापन पैदा करता है।
दस्त- बाजरे में सूखापन उत्पन्न करने का गुण है बाजरा खाने से मल बंधता है, मल का पतलापन दूर होता है। जब पतल दस्त लग रहे हों तो बाजरे की राबड़ी, खिचड़ी, घूघरी, दही या छाछ से खाने से दस्त लगना बंद हो जाते हैं।
कब्ज- पेट में मल की गांठ होने पर भी यदि इसकी टिकिया गुदा पर 7 दिन तक बराबर रात्रि में सोते समय बांधी जाए तो आंतों में जितने भी सुद्दे या खुश्क मल है, वह सब बाहर आ जाता है।
मुख सौंदर्य- बाजरे की लाली से उबटन किया जाए तो चेहरे का रंग निखर जाता है।
प्रोटीन- यह बाजरे में 11.6 ग्राम मिलता है। प्रोटीन शरीर का निर्माण, पोषण और रक्षण करता है। इसकी कमी से त्वचा में रूखापन और छिलके से हो जाना, बालों का रंग नारंगी भूरा-सा हो जाना और बच्चों की शरीर वृद्धि रुक जाना ये दोष हो जाते हैं। इनको मिटाने के लिए बाजरा उत्तम भोजन है।
शरीर को मिलने वाली ऊर्जा- बाजरे से 361 कैलोरी ऊर्जा मिलती है। हमें अपने दैनिक भोजन में बाजरे का भी समावेश करना चाहिए।