बाढ़ का जायजा लिया सीएम नीतीश ने, गंगा किनारे के 12 जिलों में विशेष तैयारी का निर्देश
पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वर्ष 2016 में गंगा नदी के किनारे वाले जिलों में बाढ़ के पानी से जो असर हुआ था, उसे ध्यान में रखते हुए इस बार भी पूरी तैयारी रखें। वर्ष 2016 में जब गंगा नदी के जलस्तर में वृद्घि हुई थी, उस दौरान 12 जिलों में बाढ़ से बचाव को लेकर पूरी तैयारी की गई थी। मुख्यमंत्री ने बुधवार को पटना और आस-पास के इलाकों में गंगा का जलस्तर और विभिन्न घाटों का जायजा लेने के बाद यह निर्देश दिया है। उन्होंने पटना जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण भी किया।
पटना के गांधी घाट पर उन्होंने पत्रकारों से कहा कि गंगा के जलस्तर में वृद्घि हो रही है, इसमें और बढोतरी की संभावना जताई गई है। मंगलवार को गंगा नदी में बढ़ रहे जलस्तर को लेकर हमने बैठक की थी। उस बैठक में जलस्तर को लेकर पूरी जानकारी दी गई। आज हमने गंगा नदी के आसपास के कई इलाकों का दौरा कर अधिकारियों के साथ पूरी स्थिति को देखा है।
घनी आबादी वाले क्षेत्र में रिसाव बंद करें
मुख्यमंत्री ने निरीक्षण के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिया कि जहां भी घनी आबादी है और वहां पानी का रिसाव हो रहा है तो उसे बंद करने का उपाय कराएं। गंगा नदी के जिन घाटों पर ज्यादा पानी आ गया है, वहां पर बैरिकेडिंग कराएं। इस दौरान जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस, पटना प्रमंडल के आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह, वरीय पुलिस अधीक्षक उपेन्द्र शर्मा सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे।
निरीक्षण के दौरान इन जगहों पर गए मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने सड़क मार्ग से पटना के आसपास के गंगा नदी के कई इलाकों तथा विभिन्न घाटों का जायजा लिया। उन्होंने पटना मुख्य नहर के दीघा लॉक तथा एलसीटी घाट पर सुरक्षा दीवार का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान दीघा घाट, भद्रघाट, कंगन घाट एवं गांधी घाट पहुंचकर गंगा के बढ़े हुए जलस्तर का भी मुआयना किया। जेपी सेतु पर रुककर गंगा की धारा का अवलोकन करने के बाद मुख्यमंत्री ने जेपी सेतु होते हुए सोनपुर एवं हाजीपुर के क्षेत्रों का भी जायजा लिया। उन्होंने महात्मा गांधी सेतु पर रुककर गंगा नदी की धारा एवं जलस्तर का जायजा लिया।