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बाढ़ में थका बंगाल टाइगर घर में घुस कर बेड पर दिन भर करता रहा आराम

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के काजीरंगा के जीव पड़ोसी जिले काजीरंगा के ऊंचाई वाले पहाड़ी क्षेत्र में लगातार पलायन कर रहे हैं। बाढ़ में काफी देर तक तैरने के बाद गुरुवार की सुबह लगभग 08 बजे एक पूरी तरह से पूर्ण व्यस्क बंगाल टाइगर शरण लेने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग-37 पर पहुंच गया। टाइगर आराम करने के लिए एक सुरक्षित स्थान की तलाश में था। काजीरंगा के बागरी वनांचल के हारमोति इलाके में राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे रफिकुल इस्लाम उर्फ मतिलाल नामक एक व्यक्ति घर में टाइगर वह धीरे-धीरे घर के अंदर पहुंच गया। टाइगर को देख घर वाले पहले ही बाहर निकल गए। टाइगर घर के अंदर मौजूद बेड पर जाकर आराम फरमाने लगा। 12 घंटे के बाद वन विभाग, स्थानीय पुलिस व अन्य सुरक्षा कर्मियों ने हवाई फायरिंग कर टाइगर को घर से बाहर निकाला। उल्लेखनीय है कि इस घटना की जानकारी जब काजीरंगा प्रशासन को लगी तो वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया के अधिकारियों के साथ मिलकर घर से बाघ को निकालने के प्रयासों में जुट गए।

काफी मंत्रणा के बाद यह तय हुआ कि टाइगर को शाम 03 बजे तक वहीं पर रहने दिया जाएगा। कारण प्राकृतिक तौर पर टाइगर को 03 बजे के बाद भूख लगती है, जिसके चलते वह अपने स्थान से भोजन के लिए बाहर निकलता है। ऐसे में अगर टाइगर घर से बाहर निकल जाता है तो अच्छी बात है, अन्यथा उसे ट्रेंकूलाइज्ड कर बाहर निकाला जाएगा। पानी में काफी तैरने के चलते टाइगर बुरी तरह से थक गया था, जिसके चलते आराम करने के लिए वह सुनसान स्थान की तलाश में घर में घुस गया। काफी थका होने की वजह से टाइगर घर से बाहर नहीं निकल रहा है। वन विभाग व पशु चिकित्सकों की टीम टाइगर को फिलहाल छेड़ने के मूड में नहीं है। असम में बाढ़ के खराब हालात से इंसान ही नहीं जानवर भी बेहद परेशान हैं। विभिन्न तरह के इंतजामों के बावजूद राष्ट्रीय उद्यान काजीरंगा में बुधवार तक कुल 39 जंगली जीवों की मौत हो चुकी है। ब्रह्मपुत्र नद के पानी में काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान का 90 फीसद हिस्सा बाढ़ की चपेट में आ गया था।

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