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बातचीत के लिए नहीं बुलाए गए राहुल बोले, पीएम ने दबाव में बुलाई बैठक

rahul-gandhi-afp_650x400_51448540984नई दिल्‍ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को चाय पर बातचीत के लिए आमंत्रित किए जाने के बाद राहुल गांधी हमलावर मूड में हैं। कांग्रेस उपाध्‍यक्ष ने कहा कि दबाव के कारण सरकार को यह कदम उठाने पर विवश होना पड़ा।

इस तरीके से सरकार नहीं चलती
इस बैठक के लिए आमंत्रित नहीं किए गए राहुल ने कहा, ‘ यह बैठक हम सबकी ओर से बनाए गए दबाव के बाद हो रही है। इस तरीके से सरकार नहीं चलती।’ गौरतलब है कि वस्‍तु और सेवा कर (जीएसटी) बिल के राह में आई अड़चन को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने अपने पूर्ववर्ती डॉ. मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्‍यक्ष को बातचीत के लिए आमंत्रित किया है।

हमें उम्‍मीद, अच्‍छे नतीजे निकलेंगे
संसदीय मामलों के मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि सरकार संसद को सुचारू रूप से चलाना चाहती है। उन्‍होंने कहा, ‘हमें उम्‍मीद है कि बैठक के अच्‍छे परिणाम निकलेंगे।’ सूत्रों ने बताया कि चर्चा में जीएसटी का मुद्दा हावी रहेगा। वैसे यह बातचीत का एकमात्र एजेंडा नहीं है।वित्‍त मंत्री अरुण जेटली और संसदीय मामलों के मंत्री वेंकैया नायडू भी इस बैठक में मौजूद रहेंगे।

हमने तीन चिंताएं बता दी हैं
राहुल ने पत्रकारों से चर्चा में कहा, हम जीएसटी बिल को लेकर आए थे और हम चाहते हैं कि यह पास हो। बिल को लेकर हमने अपनी तीन चिंताएं उजागर की है। यदि वे सहमत होते हैं तो जीएसटी बिल पास हो जाएगा। उन्‍होंने कहा कि हम नहीं चाहते कि आम आदमी को मुश्किल उठानी पड़े इसलिए हम टेक्‍स पर ‘कैप’ चाहते हैं।  राहुल, सोनिया और मनमोहन सिंह ने पीएम के न्‍योते पर भी आपस में चर्चा की। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हम नहीं जानते कि बैठक का एजेंडा क्‍या हैं। उन्‍होंने हमें अपने घर आने का निमंत्रण दिया है और हम देखेंगे कि क्‍या करना है।’

संसद में आज भी संविधान पर खास चर्चा
उधर, संसद में आज भी बाबा साहेब अंबेडकर और संविधान पर खास चर्चा हो रही है। संविधान दिवस पर चर्चा के दूसरे दिन आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में बोलेंगे, जिसे लेकर विपक्ष की नजर उनके भाषण पर बनी हुई है।

राजनाथ सिंह का बयान
गुरुवार को चर्चा की शुरुआत गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने की तो जवाब सोनिया गांधी की तरफ से भी आए। राजनाथ सिंह ने कहा कि देश के संविधान की रचना करने वाले डॉ भीमराव अंबेडकर को बहुत अपमान झेलना पड़ा था, लेकिन उन्होंने कभी भारत छोड़ने की बात नहीं की।

सोनिया गांधी ने भी दिया जवाब
इसके जवाब में सोनिया गांधी ने खुद अंबेडकर के शब्दों को दोहराते हुए कहा कि संविधान को लागू करने वाले अगर गलत हों तो अच्छे से अच्छा संविधान भी गलत बन जाता है। वहीं राज्यसभा में आज वित्त मंत्री अरुण जेटली की ओर से इस पर चर्चा की शुरुआत होगी। शीतकालीन सत्र 26 नंवबर से शुरू होकर 23 दिसंबर तक चलेगा।

 

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