एजेन्सी/ स्वामी रामदेव के खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज करने की शिकायत देने वाले पूर्व गृह राज्यमंत्री सुभाष बतरा के घर की रेकी की जा रही है। पूर्व मंत्री ने दावा किया है कि कई दिनों से उनके घर के आसपास कार और बाइक पर सवार होकर संदिग्ध लोग घूम रहे हैं। पूर्व मंत्री ने इन लोगों से अपनी जान को खतरा बताया है।
उन्होंने डीजीपी को शिकायत देकर सुरक्षा की मांग की है। मंत्री का कहना है कि मंगलवार को भी मॉडल टाउन स्थित उनके घर के आसपास कुछ लोगों को घूमते हुए देखा। एसपी को फोन किया गया तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं की। बतरा ने अनहोनी की आशंका जताते हुए कहा है कि उन्हें कई तरह से धमकियां मिल रही हैं।
हालांकि उन्होंने धमकी देने वालों के बारे में कोई जिक्र नहीं किया। जिला पुलिस पर कार्रवाई और सहयोग नहीं करने का आरोप लगाते हुए बतरा ने डीजीपी को शिकायत भेजकर सुरक्षा की गुहार लगाई है। आरोप लगाया कि जब जिला पुलिस मुसीबत के समय में भी फोन नहीं उठाती है तो किसी को सुरक्षा कैसे दे सकती है।
3 अप्रैल को बाबा रामदेव ने दिया था विवादित बयान
बता दें कि रोहतक में हुए सद्भावना सम्मलेन में 3 अप्रैल को स्वामी रामदेव ने भारत माता की जय बोलने के मामले में विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि देश में तरह-तरह के विवाद खड़े कर दिए जाते हैं। किसी को कुछ नहीं मिला तो भारत माता की जय बोलने पर विवाद खड़ा कर दिया गया।
कोई टोपी पहनकर खड़ा हो जाता है और कहता है कि भारत माता की जय नहीं बोलूंगा, चाहे मेरा सिर काट लिया जाए। अगर कानून नहीं होता तो एक नहीं, बल्कि लाखों लोगों का सिर काट देते जो भारत माता की जय नहीं बोलते और भारत माता का सम्मान नहीं करते।
इसके बाद पूर्व मंत्री बतरा ने स्वामी रामदेव के खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज करने के लिए एसपी ऑफिस में शिकायत की थी। पुलिस के द्वारा केस दर्ज नहीं करने पर उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इस मामले में कोर्ट ने एसपी से पूछा है कि बताइए रामदेव पर केस क्यों नहीं दर्ज किया गया। कोर्ट ने एसपी को जांच के लिए 30 अप्रैल तक का वक्त दिया है।
हाईकोर्ट से लगाएंगे सुरक्षा की गुहार : बतरा
वहीं, बतरा ने सुरक्षा के लिए हाईकोर्ट में गुहार लगाने का मन बना लिया है। उन्होंने कहा है कि इन दिनों मेरे पास से गाड़ी अधिक स्पीड में गुजर रही हैं। मुझे डराने का प्रयास किया जा रहा है। इस संबंध में दो-तीन बार एसपी को फोन भी किया, लेकिन वे काट देते हैं।
हैरानी की बात है कि पुलिस कप्तान पूर्व गृह मंत्री का फोन काटते हैं और जब बात होती है तो स्वयं को व्यस्त बता देते हैं। एसपी से जांच कराने की मांग की थी, लेकिन अन्य लोगों को जांच सौंप देते हैं। मांग है कि एसपी खुद जांच करें कि उनकी शिकायत दर्ज क्यों नहीं हुई।
उन्होंने कहा कि रोहतक पुलिस से सुरक्षा की उम्मीद भी नहीं की जा सकती। इन्होंने सारे शहर को अपनी आंखों के आगे जलवा दिया। इसलिए इनसे सुरक्षा मांगना भी बेकार है। अब वे हाईकोर्ट से सुरक्षा दिलाने की गुहार लगाएंगे और नए डीजीपी को भी पत्र लिखेंगे।