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बाबा साहब ने अपने कृतित्व से महानता अर्जित की -मुख्यमंत्री
राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री ने बाबा साहब के परिनिर्वाण दिवस पर श्रद्धांजलि अर्पित की
लखनऊ: प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज डा0 भीमराव आंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर आंबेडकर महासभा द्वारा आयोजित श्रद्धांजलि सभा में बाबा साहब के प्रति अपनी आदरांजलि अर्पित की। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री डा दिनेश शर्मा, मंत्री आशुतोष टण्डन, मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, मंत्री धर्मपाल सिंह, मंत्री बृजेश पाठक, राज्यमंत्री स्वाती सिंह सहित अन्य मंत्रिगण व आंबेडकर महासभा के अध्यक्ष लालजी निर्मल भी उपस्थित थे। राज्यपाल ने कहा कि उनका सौभाग्य है कि उन्हें डाॅ0 आंबेडकर को देखने, सुनने और उनसे विचार-विनिमय करने का भी अवसर मिला है। नाईक ने कहा कि डा आंबेडकर ने समाज में व्याप्त कुरीतियों के चलते जो कष्ट उठाये उसका शब्दों में वर्णन मुश्किल है मगर उन्होंने कभी कड़वाहट नहीं पैदा की। बाबा साहब ने मुश्किल हालात में उच्च शिक्षा ग्रहण की तथा अनेक भूमिकाओं में अपनी सेवाएं देश को दी। संविधान प्रारूप समिति के अध्यक्ष के नाते संविधान को शब्द देना, सबको साथ लेकर चलना तथा समन्वय करके प्रारूप बनाना मुश्किल काम था जिसे युगों तक भारतवासी याद रखेंगे। संविधान के शिल्पी के रूप में उन्होंने संविधान में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, न्यायपालिका आदि के दायित्वों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि बाबा साहब ने सबको समान अवसर, न्याय और मतदान का अधिकार भी दिया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि डा भीमराव आंबेडकर ने लोकतंत्र के रूप में भारत को स्थापित करने तथा देश को संविधान देने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाई है। भारत के संविधान का धर्मग्रंथों जैसा सम्मान किया जाता है। बाबा साहब छुआ-छूत और भेदभाव जैसे सामाजिक विकृतियों का भी शिकार हुए मगर सामाजिक बुराईयों को सहन करके उच्चतम शिक्षा ग्रहण की। बाबा साहब का मानना था कि शिक्षा के माध्यम से समाज सम्मानजनक तरीके से आगे बढ़ सकता है। बाबा साहब ने संविधान के शिल्पी के रूप में काम किया, पर अपने ऊपर हुए भेदभाव पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। उन्होंने कहा कि बाबा साहब ने अपने कृतित्व से महानता अर्जित की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने बाबा साहब से जुड़े स्थलों को पंचशील के रूप में विकसित करने का काम किया है। केन्द्र और राज्य सरकार बाबा साहब से जुड़े स्थलों को सम्मानजनक स्थान देने तथा समतामूलक समाज के प्रति संकल्पबद्ध है। प्रदेश सरकार ने बाबा साहब व अन्य महापुरूषों से जुड़ी महत्वपूर्ण तिथियों पर अवकाश के बजाय शैक्षिक संस्थानों में उनके बारे में जानकारी देने का निर्णय लिया है। ऐसे महापुरूषों का जीवनवृत्त पाठ्यक्रम में भी शामिल किया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अनुसूचित जाति एवं जनजाति तथा आर्थिक रूप से पिछड़ों के लिए विशेष योजनाएं चला रही है ताकि उनको समाज की मुख्यधारा से जोड़ा जा सके। कार्यक्रम में आंबेडकर महासभा के अध्यक्ष श्री लालजी निर्मल ने भी अपने विचार रखे। राज्यपाल ने इस अवसर पर यह भी बताया कि बाबा साहब को दीक्षा देने वाले बौद्ध धर्म गुरू प्रज्ञानन्द जी को आदरांजलि व्यक्त करने के लिए आगामी 15 दिसम्बर को राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद का लखनऊ आने का कार्यक्रम प्रस्तावित है।