अद्धयात्म
बाबा हरदेव सिंह के कर्म और सिद्धांत से जुड़ी 15 प्रमुख बातें
एजेंसी/ संत निरंकारी मिशन के प्रमुख बाबा हरदेव सिंहजी नहीं रहे। केवल उनके अनुयायी और समर्थक ही नहीं, अन्य दूसरे लोग भी मानते हैं कि उनके कर्म और सिद्धांत ‘लार्जर दैन लाइफ’ हैं।
आज भारत में ही उनके एक करोड़ से ज्यादा फॉलोवर्स हैं। आइए, जानते हैं उनसे जुड़ी 15 प्रमुख बातें:
‘बाबा भोला’ के नाम से जाने जाते थे हरदेव सिंहजी
- पिता गुरबचन सिंहजी और माता कुलवंत कौर के घर बाबा हरदेव सिंहजी का जन्म 23 फरवरी 1954 को दिल्ली में हुआ था।
- बाबा हरदेव सिंहजी की प्राथमिक शिक्षा रोजरी पब्लिक स्कूल में हुई थी, जो वर्तमान में संत निरंकारी कालोनी, दिल्ली में स्थित है।
- बाबा हरदेव सिंहजी ने अपनी हाई स्कूल की शिक्षा पटियाला स्थित यादविंद्रा पब्लिक स्कूल से सन 1963 में पूरी की थी, जबकि उच्च शिक्षा दिल्ली में प्राप्त की।
- जब बाबा हरदेव सिंहजी दिल्ली यूनिवर्सिटी से उच्च प्राप्त कर रहे थे, तो उनके मित्र उनकी सादगी और आध्यात्मिकता के प्रति रुझान देख कर उन्हें ‘बाबा भोला’ के नाम से बुलाते थे।
- सन 1929 में संत निरंकारी मिशन की औपचारिक स्थापना बाबा बुटासिंहजी ने की थी, जिनके बारे में कहा जाता है कि उन्हें सन 1914 में निरंकारी ज्ञान प्राप्त हुआ था।
‘सतगुरु’ की उपाधि मिली थी उन्हें
- निरंकारी का अर्थ है ईश्वर का कोई आकार या रूप नहीं है। उसके द्वारा बनाए इंसानों में कोई भेदभाव नहीं है। बाबा हरदेव सिंह इस विचार को भारत समेत विश्व भर में फैला रहे थे।
- पिता सतगुरु गुरबचन सिंह की हत्या के बाद बाबा हरदेव सिंह ने निरंकारी मिशन की गद्दी सन 1980 में संभाली थी। उनके पिता की हत्या उग्रवादियों ने कर दी थी।
- वे निरंकारी सेवा दल में एक प्राथमिक सदस्य के रूप में सन 1971 में शामिल हुए थे। पिता की असामयिक मृत्यु के बाद 26 साल की छोटी उम्र में उन्हें गुरु गद्दी सौंप दी गई।
- वे निरंकारी मिशन के चौथे गुरु थे। अपने पिता की तरह वे भी ‘सतगुरु’ कहलाते थे।
- बाबा हरदेव सिंहजी का विवाह सविंद्र कौर जी से 1975 में दिल्ली में हुआ था, जो फर्रुखाबाद की के रहनेवाली थी।
संत निरंकारी काम्प्लेक्स, दिल्ली में है निरंकारी म्यूजियम
- वर्ष 2005 में बाबा हरदेव सिंह ने दिल्ली स्थित संत निरंकारी काम्प्लेक्स में निरंकारी म्यूजियम की स्थापना की। यहां इस समुदाय से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण कृतियां, वस्तुएं आदि सहेजी गई हैं।
- संत निरंकारी मिशन भारत की एक विश्व प्रसिद्ध आध्यात्मिक संस्था है, जिसे ‘यूनिवर्सल ब्रदरहुड मिशन’ के नाम से भी जाना जाता है। इसका मुख्यालय दिल्ली में स्थित है।
- संत निरंकारी मिशन जातपात, वर्ग और वर्ण विभेद से परे समाज के सभी मनुष्यों को साथ लेकर चलने वाला एक आध्यात्मिक अभियान है, जिसका उद्देश्य मानव मात्र का कल्याण है। निरंकारी समुदाय के लोग जिंदा गुरु को मानते हैं।
- वर्तमान में संत निरंकारी मिशन की 100 अधिक शाखाएं विश्व के लगभग 27 देशों में है। विदेशों में इस मिशन के सबसे अधिक अनुयायी ब्रिटेन, यूएसए, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में हैं।
- भारत में निरंकारी मिशन के सबसे अधिक अनुयायी पंजाब, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में हैं। वर्तमान में देश के हर प्रमुख शहर में इस संस्था के सत्संग भवन हैं।