बारिश और बाढ़ से बेहाल हैं कई राज्य, अब तक 774 की मौत
नई दिल्ली : गृह मंत्रालय के मुताबिक मॉनसून के इस मौसम में सात राज्यों में बाढ़ और बारिश से जुड़ी घटनाओं में अब तक 774 लोगों की मौत हो गई है। वहीं, पर्वतीय राज्य उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से हालात बिगड़ते जा रहे हैं। इस बीच मौसम विभाग ने उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, असम, अरुणाचल प्रदेश और नगालैंड समेत 16 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। गृह मंत्रालय के नेशनल इमर्जेंसी रिस्पॉन्स सेंटर (एनईआरसी) के मुताबिक बाढ़ और बारिश के कारण केरल में 187, उत्तर प्रदेश में 171, पश्चिम बंगाल में 170 और महाराष्ट्र में 139 लोगों की जान गई है। आंकड़ों में कहा गया है कि गुजरात में 52, असम में 45 और नगालैंड में आठ लोगों की मौत हुई है। केरल में 22 और पश्चिम बंगाल में पांच लोग लापता भी हैं।
राज्यों में बारिश से जुड़ी घटनाओं में 245 लोग जख्मी हुए हैं। बारिश और बाढ़ की विभीषिका से महाराष्ट्र के 26, असम के 23, पश्चिम बंगाल के 22, केरल के 14, उत्तर प्रदेश के 12, नगालैंड के 11 और गुजरात के 10 जिले सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। असम में एनडीआरएफ की 15, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में आठ-आठ, गुजरात में सात, केरल में 4, महाराष्ट्र में चार और नगालैंड में एक टीम को तैनात किया गया है। केरल में बाढ़ का कहर जारी है और अभी तक 37 लोगों की जान जा चुकी है। करीब 36 हजार लोग विस्थापित हो गए हैं। भारी बारिश के बाद भूस्खलन और उफनते हुए जलाशयों ने हालात खराब कर दिए हैं। इस बीच नैशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स की टीमें राहत और बचाव कार्य में लगी हैं। वहीँ केरल में इलूर की रहने वाली सीथम्मा 50 साल पहले ऐर्नाकुलम चली गई थीं। राहत शिविर में बैठी सीथम्मा कहती हैं कि घर से दूर रहना मुश्किल है लेकिन कोई विकल्प नहीं है। एनार्कुलम और त्रिशूर के अधिकारियों ने रविवार को कहा कि अभी स्थिति नियंत्रण में है और नदी का जल स्तर नीचे गया है जिससे कुछ लोग अपने घर लौट सकते हैं। एर्नाकुलम में अपने घर के अंदर भरे पानी के बीच बैठी महिला। वहीं, चेंगामनाडू के एक घर में शनिवार को जारी सफाई। वावू बलि के लिए अलूवा मनप्पुरम में श्रद्धालुओं की संख्या में गिरावट देखी गई। जलभराव के बैरिकेडिंग लगाकर श्रद्धालुओं के चढ़ावा चढ़ाने की जगह बनाई गई। नैशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स ने शनिवार को लोगों को बाढ़ प्रभावित से निकाला। मौसम अधिकारियों के मुताबिक, शनिवार सुबह 24 घंटे की अवधि में इडुक्की जिले में 90 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।
बांध का जलस्तर अब 2,400 फीट के निशान से नीचे है लेकिन जिला प्रशासन ने कहा कि बांध के पांच द्वारों को बंद करने का फैसला बारिश पर निर्भर करेगा। केरल में बाढ़ के हालात में आंशिक सुधार के बावजूद रविवार को हुई बारिश से मुश्किल बरकरार है। बाढ़ की वजह से राज्य में मृतकों की तादाद अब 39 पहुंच गई है। रविवार को इदुक्की में 20.86 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। वहीं, बाढ़ की वजह से राज्य में 8 हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है। रविवार को केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने के बाद कहा कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में केरल में इस तरह की बाढ़ कभी नहीं आई है। सीएम पी. विजयन का कहना है कि 8316 करोड़ की संपत्ति का नुकसान हुआ है, जबकि 10 हजार किमी से ज्यादा सड़कें बर्बाद हो गई हैं। रविवार को तेज बारिश शुरू होने के बाद निचले इलाके में रहने वाले लोगों को फिर ऊपरी इलाकों में आने को कहा गया है। वायनाड में एक घर गिरने से 58 साल की महिला की मौत हो गई। वहीं, छह लोग लापता बताए जा रहे हैं। वायनाड के कलेक्टर एपी अजय कुमार ने सोमवार को सभी स्कूल कॉलेजों में छुट्टी की घोषणा की है। पोथुंडी डैम के सभी तीन गेट खोल दिए गए हैं। इसके साथ ही जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर होने के बाद चुल्लियार, वालायार और मीनकारा जलाशयों के गेट खोलने की अंतिम चेतावनी जारी की गई है। वहीं, इदुक्की जलाशय का जलस्तर लगातार दूसरे दिन घटा है। शनिवार को 2400.68 फीट से घटकर रविवार को इसका जलस्तर 2398.68 फीट पहुंच गया। उधर, हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से हालात बिगड़ गए हैं।
राजधानी शिमला में भारी बारिश हो रही है। वहीं, मंडी में भी बारिश और भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं। बारिश और लैंडस्लाइड के चलते प्रशासन ने शिमला और मंडी के सभी सरकारी और निजी स्कूल बंद करने का ऐलान किया है। सोलन के बरोटीवाला इलाके में भारी बारिश के बाद एक झुग्गी की दीवार गिरने से तीन लोगों की मौत हो गई। मंडी कस्बे के पास लैंडस्लाइड होने से चंडीगढ़-मनाली नैशनल हाइवे-3 ठप हो गया है। हाइवे पर यातायात बहाल करने के लिए ऑपरेशन चलाया जा रहा है। राज्य में शनिवार से हो रही भारी बारिश के बीच मौसम वैज्ञानिकों ने राज्य के मध्यम और निम्न पहाड़ी इलाकों के दूर-दराज के स्थानों पर बहुत भारी बारिश होने की आशंका जताई है। हमीरपुर, बिलासपुर, कांगड़ा और ऊना में भी शनिवार से भारी बारिश हो रही है। रविवार को राज्य में सबसे ज्यादा नैना देवी में 130.8 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। इसके बाद मेहरा में 128.2 मिलीमीटर, नादाउन में 96 मिलीमीटर, गेलेर में 78.5 मिलीमीटर, कांगड़ा में 72 मिलीमीटर, ऊना में 64.6 मिलीमीटर, नगरोटा सूरियान में 62.4 मिलीमीटर, शिमला हवाई अड्डा पर 48 मिलीमीटर और सूजानपुर तीरा में 40 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। उत्तराखंड भी बारिश से बेहाल है। राज्य के हरिद्वार, पिथौरागढ़, रुड़की और नैनीताल में भारी बारिश हुई है। वहीं, बारिश की वजह से राजधानी देहरादून में 12वीं तक के स्कूलों को बंद कर दिया गया है। रविवार रात लामबगड़ में भारी बारिश के बाद भूस्खलन होने से चट्टान का एक हिस्सा सड़क पर गिर गया, जिसके बाद बदरीनाथ नैशनल हाइवे पर यातायात रोक दिया गया। सड़क को दोबारा खोलने के लिए अभियान चलाया जा रहा है।
इसके अलावा मसूरी-देहरादून हाइवे को भी बारिश के चलते बंद किया गया है। भारी बारिश की वजह से हरिद्वार में गंगा नदी खतरे के निशान के करीब पहुंच गई है। जम्मू-कश्मीर में भी भारी बारिश की वजह से लोगों को दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं। मौसम विभाग ने राज्य के कई हिस्सों में बारिश का अलर्ट जारी किया है। रविवार को जम्मू से करीब 12 किलोमीटर दूर मछलियान गांव में भारी बारिश के बाद बाढ़ की वजह से एक घर की दीवार गिर गई। वहीँ ओडिशा के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ है। मौसम विभाग ने कई इलाकों में भारी बारिश की आशंका जताई है। अधिकारियों ने बताया कि बारिश के कारण तटीय और दक्षिणी क्षेत्रों में पानी भर गया है। भारी जलजमाव के कारण सड़क यातायात प्रभावित हुआ है। बारिश से राजधानी भुवनेश्वर के अलावा खुर्दा, कटक, पुरी, जगतसिंहपुर, भद्रक, बालेश्वर, मयूरभंज, गंजाम, गजपति, रायगढ़ और नयागढ़ जैसे इलाके भी प्रभावित हुए हैं। मौसम विभाग ने मलकानगिरी, कोरापुट, नबरंगपुर, नुआपाड़ा, बोलनगीर, कालाहांडी और कंधमाल सहित अन्य इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। उत्तर प्रदेश में वर्षाजनित हादसों में कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई। प्रदेश के राहत आयुक्त के कार्यालय से जारी बयान के मुताबिक बस्ती में रविवार को हुए हादसों में तीन और कन्नौज में एक व्यक्ति की मौत हो गई। इसके अलावा मुजफ्फरनगर में शनिवार को एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई थी। बारिश के कारण प्रदेश में कम से कम 111 मकान क्षतिग्रस्त हो गए। इनमें भदोही में स्थित 74 और फर्रुखाबाद में 25 मकान शामिल हैं। आंचलिक मौसम केन्द्र की रिपोर्ट के अनुसार रविवार तक प्रदेश के अनेक हिस्से मॉनसूनी बारिश से तर-बतर रहे। इस दौरान नानपारा में सबसे ज्यादा 10 सेंटीमीटर वर्षा हुई। इसके अलावा भटपुरवाघाट, नरैनी और बदायूं में नौ-नौ, कायमगंज में आठ, फतेहगढ़, रामनगर, सम्भल, बरेली, बुढ़ाना तथा नजीबाबाद में सात-सात सेंटीमीटर और शारदानगर, सिधौली, बनी, सिरौली गौसपुर और सहसवान में छह-छह सेंटीमीटर बारिश दर्ज की गई।