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बारिश किसानों पर पड़ रही है भारी, अब सरकारी मदद की आस लगाए बैठे हैं

बस्ती: बिन मौसम बरसात ने खेती को नष्ट कर दिया है, जिसका साफ-साफ बुरा असर उत्तर प्रदेश के बस्ती में देखा जा सकता है जहां बारिश और तेज हवा की वजह से किसानों की खड़ी फसल बरबाद हो गई. किसान अब भगवान भरोसे हैं और सरकारी मदद की आस में टकटकी लगाए बैठे हैं. गेंहू की फसल लगभग तैयार होने को है और ऐसे में बिन मौसम बरसात ने किसानों की चिंता और अधिक बढ़ा दी है.

जनपद में सबसे ज्यादा नुकसान गेहूं की फसल को हुआ है. किसानों का कहना है की अब गेहूं पैदावार की कोई उम्मीद नहीं बची है. हमारे सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा. किसानों की मानें तो सरकार को पीड़ित किसानों की मदद करनी चाहिए, नुकसान फसलों का सर्वे कराकर किसानों को राहत देनी चाहिए.

वहीं डीडी कृषि डाक्टर संजय कुमार त्रिपाठी ने बताया कि डीएम की अध्क्षता में बैठक हुई है. बैठक में कृषि विभाग के कर्मचारी, लेखपाल और बीमा कम्पनी के कर्मचारी पूरे जनपद में फसलों को हुए नुकसान का सर्वे करेंगे. व्यक्तिगत स्तर पर किसी किसान को 30 प्रतिशत से ज्यादा की छति हुई होगी और उस किसान फसल बीमा कराया होगा तो 21 दिनों के अंदर बीमा कम्पनी नुकसान का 25 प्रतिशत लाभ तत्काल देगी.

जिन किसानों ने बीमा नहीं कराया होगा उसको इस का लाभ नहीं मिल पाएगा. जनपद में 3.32 लाख किसान हैं, जिनमें से 37 हजार 799 किसानों ने ही फसल बीमा कराया है.

गौरतलब है कि विगत खरीफ की फसल में जनपद में मात्र 1861 किसानों को 50 लाख रूपए फसल बीमा का लाभ मिला था. कृषि विभाग किसानों को फसल बीमा के बारे में जागरूकता का अभियान चलाती है लेकिन फिर भी किसान फसल बीमा लेने से कतराते हैं. किसानों को इस का लाभ लेने के लिए काफी पापड़ बेलने पड़ते हैं, जो हर किसान के बस की बात नहीं है, जिसकी वजह से किसान फसल बीमा नहीं कराते.

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