उत्तराखंडराज्य

बारिश से केदारनाथ यात्रा प्रभावित

रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड में पिछले कुछ दिनों से हो रही बारिश के कारण केदारनाथ यात्रा प्रभावित हुयी है। जहां एक सप्ताह पूर्व यात्रा में हर दिन एक से डेढ़ हजार यात्री पहुंचते थे वहीं अब तीन से चार सौ के बीच ही यात्री पहुंच रहे हैं। ऐसे में यात्रा मार्ग पर व्यवसाय कर रहे व्यापारियों के चेहरों पर भी मायूसी छा गई है। हालांकि यात्रा का आंकड़ा अब तक तीन लाख 70 हजार के पार पहुंच चुका है। बारिश के कारण केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग को भी खासा नुकसान पहुंच रहा है। राजमार्ग पर जगह-जगह बोल्डर आने शुरू हो गये हैं। राजमार्ग के लोक निर्माण विभाग कार्यालय के पास भारी मात्रा में बड़-बड़ बोल्डर गिरे हुए हैं, जबकि नौलापानी, बांसबाड़, रामपुर, खाट, सोनप्रयाग में बोल्डर के साथ ही मलबा भी गिर रहा है जिसके कारण यात्रियों को आवाजाही करने में खासी दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं।रूद्रप्रयाग जिले में लगातार दो दिनों से हो रही बारिश के कारण जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। लोगों को आने जाने में खासी दिक्कतें भी उठानी पड़ रही है। लगातार हो रही बरसात ने लोगों की दिक्कतें भी बढ़ दी हैं और केदारनाथ यात्रा के मार्ग फिर से सूने पड़ने लगे हैं और यात्रियों की चहलकदमी मानों समाप्त सी हो गई है। नगर पालिका की पूर्व अध्यक्ष रेखा सेमवाल, भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला महामंत्री विकास डिमरी और सभासद दीपांशु भट्ट ने कहा कि बारिश होते ही मुख्यालय का पुनाड़ गदेरा उफान पर आने लगता है और गदेरे में गंदा पानी बहने लगता है।
वॉटर फिल्ट्रेशन के नाम पर जल संसाधन विभाग करोड़ रूपये हजम कर रहा है और उपभोक्ता गंदा पानी पीने को मजबूर हैं। जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल का कहना है कि बरसात को देखते हुए प्रशासन की ओर से पुख्ता इंतजाम किये गये हैं। केदारनाथ राजमार्ग पर मलबा और बोल्डर आने पर इसे शीघ, खोलने के आदेश दिये गये हैं। इसके अलावा ग्रामीण लिंक मार्गों पर भी नजर रखी गई है। उन्होंने बताया कि बरसात के कारण यात्रा में काफी कमी आई है लेकिन बरसात कम होने के बाद फिर से यात्रा पटरी पर लौट आएगी। उन्होंने कहा कि पुनाड़ गदेरे के उफान पर आने से नगर क्षेत्र के उपभोक्ताओं को मटमेले पानी की आपूर्ति की जा रही है। विभागीय अभियंताओं को सख्त निर्देश दिये गये हैं कि बरसात के दौरान गदेरे में पानी गंदा आने पर सप्लाई बंद कर दी जाय और वॉटर फिल्ट्रेशन के जरिये उपभोक्ताओं को स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति की जाय।

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