एजेंसी/ मैसूर। महिला एवं बाल विकास विभाग जिले में बाल विवाह रोकने के लिए भरसक कोशिश कर रहा है। दूल्हे और दुल्हन के परिवारों के अलावा, वे लोग जो शादी में शामिल होते हैं या इसमें उनका साथ देते हैं, उनके खिलाफ बाल विवाह निषेध अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। बाल विवाह में शामिल होने वालों को 1 लाख का जुर्माना और दो साल की सजा होगी। साथ ही पोस्को एक्ट के तहत मामला दर्ज किए जाने की संभावना है और इसमें कम से कम सात साल का कारावास हो सकता है।
मैसूर जिले के महिला बाल विकास विभाग की उपनिदेशक के राधा ने कहा ‘अगर यह पाया गया कि नाबालिग को यौन संबंध बनाने के लिए मजबूर किया गया या वह गर्भवती हो जाती है तो उन लोगों को जिन्होंने शादी में शिरकत या मदद की उन पर पोस्को एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जाएगा।’
पिछले दो सालों में विभाग ने जिले में 216 बाल विवाह को रोका था। हालांकि उल्लंघन करने वालों पर कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की गई। अब विभाग ऐसे लोगों के प्रति सख्त होगा।
उपनिदेशक के. राधा के मुताबिक ‘ स्वैच्छिक संगठनों की मदद से हम स्कूलों और गांवों का दौरा कर बाल विवाह के परिणाम के बारे में जागरूकता फैलाएंगे। आने वाले दिनों में, सजा कठोर होगी और कानून से कोई बच नहीं पाएगा।’
वे कहती हैं ‘2012-13 और 2013-12 में क्रमश: 35 और 21 बाल विवाह रोके गए। 2014-15 और 2015-16 में इसकी संख्या बड़ी है और हम जिले में 111 और 105 बाल विवाह रोकने में सफल हुए। अधिकांश बाल विवाह हुन्सुर, केआर नगर और एमडी कोते तालुक्स में पाए गए। दूल्हा-दुल्हन का परिवार ही नहीं पुजारी, विवाह में शामिल मेहमानों और सराय मालिकों को भी सजा मिलेगी।’