अन्तर्राष्ट्रीय

बिछड़ने में लगे कुछ मिनट, लेकिन दोबारा मिलने में बीत गए 68 साल!


नई दिल्‍ली : 1950 से 1953 तक उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच हुए युद्ध की वजह से हजारों लोग अपने सगे-संबंधियों से बिछड़ गए थे। ऐसे ही लोगों में शामिल थीं 92 वर्षीय केयूम सियोम। वह पहली बार अपने 71 वर्षीय बेटे से मिलीं तो अपने आंसुओं को रोक नहीं सकी। उनकी कहानी आपको भी झकझोर देगी। यह कहानी उस वक्‍त की है जब कोरियाई युद्ध अपने चरम पर था और अमेरिका युद्ध में हावी हो चुका था। जगह-जगह गोलाबारी हो रही थी। ऐसे में केयूम अपने पति और दो बच्‍चों के साथ गोलाबारी से बचते हुए सुरक्षित ठिकाना तलाश रही थीं। हर तरफ से धमाकों और गोलियों की आवाजें आ रही थीं। इस बीच जैसे तैसे वह उस राह पर निकल गई जहां पर उनके जैसे कई दूसरे लोग भी थे। यह राह उत्तर कोरिया की ओर जाती थी। इसी बीच उनकी बेटी को भूख लगी और वह भूख के मारे रोने लगी। लेकिन सड़क पर लोगों की भीड़ को देखते हुए वह नवजात को दूध नहीं पिला सकी। इसके लिए उन्‍होंने सड़क से सटे जंगल को चुना और अपने पति को बताकर वह पेड़ों के झुरमुट की तरफ बच्‍ची को दूध पिलाने निकल गई।

68 वर्ष पूर्व हुई ये घटना उनके जीवन की सबसे बुरी घटना थी। ऐसा इसलिए क्‍योंकि जब वह अपनी बच्‍ची को लेकर सड़क पर वापस आई तब वहां पर कोई नहीं था। उन्‍होंने अपने पति और बच्‍चे को काफी तलाशा लेकिन कहीं कोई नहीं मिला। हारकर वह बचते बचाते वापस लौट गईं। उन्‍हें खुद नहीं मालूम कि कितने दिन उन्‍हें इस तरह से बिताने पड़े। अपने बेटे और पति की आस में उनके आंसू बंद होने का नाम नहीं ले रहे थे। हालांकि कुछ समय बाद उन्‍हें एक सुरक्षित ठिकाना जरूर मिल गया था। बाद में दक्षिण कोरियाई सरकार की तरफ से ऐसे लोगों को दूसरे टापू पर बसाने का फैसला किया गया और एक आदेश जारी किया गया। इसमें कहा गया कि एक ट्रेन उन्‍हें समुद्री किनारे तक ले जाएगी और फिर वहां से उन्‍हें टापू पर ले जाया जाएगा। इत्तफाक से इसी ट्रेन में उनके पति के परिजन भी मौजूद थे। यहां से उन्‍होंने अपने जीवन की नई शुरुआत की। वह बताती हैं कि बाद में उन्‍होंने दूसरी शादी भी की लेकिन अपने बेटे को नहीं भूल सकी। इस बीच उनके पति की भी मौत हो गई थी। यह 68 वर्ष उन्‍होंने किस जद्दोजहद में गुजारे इसका वही जानती हैं।

अब इतने वर्षों के बाद केयूम अपनी बेटी के साथ माउंट कुमगांग पहुंची थीं। सियोम के साथ उनकी बेटी भी पहली बार अपने भाई से मिली। सियोम ने कहा, मुझे नहीं पता मैं क्या महसूस कर रही हूं, अच्छा या बुरा। यह सपना है या हकीकत। ग्‍यारह घंटों के दौरान इन लोगों की मुलाकात करीब छह बार होगी। दोनों देशों के बीच बेहतर होते संबंधों की बदौलत ही यह सब कुछ हो पाया है। उत्तर कोरिया की तरफ से री-यूनियन के लिए 83 लोगों को चुना गया था। इस मौके पर उत्तर कोरिया की तरफ से इन सभी लोगों को होटल में लंच कराया जाएगा। यह पल इन लोगों के लिए सबसे यादगार पल है। इनके अलावा भी कुछ और लोग वहां पर मौजूद थे जो वर्षों बाद अपनों से मिले थे। 80 वर्षीय क्‍वांग हो अपने 78 वर्षीय भाई किम क्‍वांग, 89 वर्षीय यूग्‍वान सिक अपनी 67 वर्षीय बेटी यूयोन ओक, 93 वर्षीय हाम सुंग चान 79 वर्षीय भाई हाम डोंग चान, 81 वर्षीय जोंग टे भी अपने 56 वर्षीय भतीजे किम हाकसू, 95 वर्षीय ली मून ह्यूक अपने 80 वर्षीय भतीजे रीक्‍वान ह्यूक, 99 वर्षीय हान शिन जा अपनी 72 वर्षीय बेटी किमकिम क्‍योंग योंग से वर्षों बाद मिली थी।

Related Articles

Back to top button