लखनऊ। प्रदर्शन के नाम पर मंगलवार को तोड़फोड़-आगजनी करने वाले पावर कॉरपोरेशन के 300 संविदा कर्मचारी नौकरी से हटाए जाएंगे। एफआईआर में शामिल 7 नियमित कर्मचारियों को भी कॉरपोरेशन प्रबंधन ने बर्खास्त करने का फैसला किया है। कॉरपोरेशन प्रबंधन ने बुधवार को बैठक कर हिंसा में शामिल कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का फैसला किया है। बवाल करने वालों में शामिल कॉरपोरेशन के दर्जन भर रिटायर कर्मचारियों का प्रवेश शक्ति भवन में प्रतिबंधित करने का भी फैसला हुआ है। साथ ही कॉरपोरेशन प्रबंधन ने संविदा कर्मियों को नौकरी से हटाने के लिए संविदा एजेंसियों को निर्देश जारी कर दिया है। एजेंसियों को भेजे गए पत्र में मंगलवार को काम पर मौजूद नहीं रहने वाले सभी संविदा कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से हटाने के लिए कहा गया है। कॉरपोरेशन प्रबंधन ने कहा है कि जो भी कर्मचारी मंगलवार को ड्यूटी पर तैनात नहीं थे, उन्हें हड़ताल में शामिल माना जाएगा।
पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन ने पूरे मामले में शामिल कर्मचारियों की खुद पहचान भी शुरू कर दी है। पुलिस हिरासत में लिए गए सभी 153 संविदा कर्मचारियों को हटाने के साथ ही अखबार और टीवी चैनलों की फुटेज के जरिये अन्य कर्मचारियों की पहचान भी की जा रही है। पावर कॉरपोरेशन के एमडी एपी मिश्रा ने कहा कि हिंसा और मारपीट करने की परंपरा किसी हाल में नहीं पड़ने दी जाएगी। पुलिस ने जिन 11 लोगों के नाम एफआईआर दर्ज की है उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है। एफआईआर में शामिल नामों में से 7 कॉरपोरेशन के नियमित कर्मचारी हैं। कॉरपोरेशन के कार्मिक और नियुक्ति विभाग ने इनके खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई शुरू कर दी गई है,जबकि 4 रिटायर कर्मचारियों का शक्ति भवन में प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है। गौरतलब है कि मंगलवार को अपनी मांगों को लेकर संविदा कर्मचारियों ने जम कर उत्पात मचाया था। शक्ति भवन के पांचवे फ्लोर तक चढ़ आए कर्मचारियों ने इमारत के शीशे और कई वाहन तोड़ डाले। पुलिस पर पथराव और आगजनी की थी।