(बिलासपुर) ‘आरोहन २०१७’ का आयोजन
बिलासपुर (एजेंसी)। गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय के रजत जयंती सभागार में विश्वविद्यालय बालक छात्रावास के छात्रों द्वारा वार्षिक हॉस्टल डे कार्यक्रम ‘आरोहन २०१७’ का आयोजन गुरुवार दिनांक २० अप्रैल २०१७ सायं ४ बजे आयोजित किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रभारी कुलपति प्रोफेसर बी.एन. तिवारी रहे। हॉस्टल की जिंदगी आपको जीने का तरीका सिखाती है यह बात केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति ने बालक छात्रावास के वार्षिक हॉस्टल डे कार्यक्रम ‘आरोहन २०१७’ के आयोजन अवसर पर कहे। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि छात्र भविष्य में राष्ट्र निर्माण के लिए कार्य करेंगे। उन्होंने कार्यक्रम के आयोजकों को भी वार्षिक उत्सव के सफल आयोजन के लिए बधाई दी। उन्होंने छात्रावास में विभिन्न सुविधाओं के विस्तार एवं विकास के नये आयामों को भी छात्रों के साथ साझा किया। इस अवसर पर प्रभारी कुलपति महोदय ने बालक छात्रावास द्वारा आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओँ एवं उपविजेताओं को पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र वितरित किये।
इससे पूर्व विश्वविद्यालय के कुलसचिव (प्रभारी) डॉ. आर.के. सोनी ने बालक छात्रावास के इस कार्यक्रम की सफलता के लिए शुभकामनायें दी। उन्होंने कहा कि हॉस्टल की जिंदगी लाइफ मैनेजमेंट सिखाती है। इससे पूर्व कार्यक्रम की शुरुआत में चीफ वॉर्डन प्रोफेसर एसएस सिंह ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर कुलानुशाक प्रोफेसर वी.एस. राठौड़ एवं अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. एम.एन. त्रिपाठी ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। हॉस्टल वॉर्डल मुरली मनोहर सिंह ने हॉस्टल की विभिन्न उपलब्धियों एवं गतिविधियों का ब्योरा प्रस्तुत किया। सुरीली सांस्कृतिक संध्या की शुरुआत सत्यनारायण की राष्ट्र वंदना से हुई जिसमें उन्होंने ‘जहां डाल-डाल पर सोने की चिडिया करती है बसेरा’ गीत गाकर पूरे सभागार को रोमांचित कर दिया। इसके बाद अंकित ने अपनी कविताओँ, गजल एवं शायरी से समा बांध दिया। अनिमेश दास के सुरीले सुरों से दर्शक झूमने को मजबूर हो गये। प्रिंस उपाध्याय ने परंपरागत छत्तीसगढिया रंग जमाया तो सत्यनारायण ने मिमिक्री से दर्शकों को आकर्षित किया। रजनी के ग्रुप डांस और शिवम अग्रवाल के सुरीले गीतों पर दर्शक खुद को थिरकने से रोक नहीं पाये। इस सांस्कृतिक संध्या में कविता-पाठ, शायरी, ड्रामा और ग्रुप डांस भी हुए।कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन वॉर्डन मुरली मनोहर सिंह ने किया। इस सांस्कृतिक वार्षिकोत्सव में विभिन्न अध्ययनशालाओं के अधिष्ठातागण, विभागाध्यक्षगण, शिक्षकगण एवं बड़ी संख्या में छात्र मौजूद रहे।
मनोज
११.३०
२१ अप्रैल २०१७