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बिहार के उत्तरी क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति भयावह, 50 की मौत

पटना : नदियों के उफान से बिहार में बाढ़ की समस्या बढ़ती जा रही है। मंगलवार को सीतामढ़ी शहर के नए इलाकों में पानी घुस गया है। वहीं दरभंगा में रेल पुल के समीप खिरोई नदी का पश्चिमी तटबंध ध्वस्त हो गया है। कमतौल और जोगियारा स्टेशन के बीच रेलवे पुल पर पानी का तेज बहाव है। दरभंगा-सीतामढ़ी रेलखंड पर परिचालन ठप पड़ गया है। दरभंगा, मधुबनी व बेतिया में कई तटबंध टूट गए हैं। बाढ़ त्रासदी में अब तक बिहार के 50 से अधिक लोगों की मौत की खबर है और मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। बिहार के 12 जिले में 79 प्रखंडों के 571 पंचायत बाढ़ग्रस्त हैं जबकि बाढ़ से 26 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हैं। वहीं आज जल संसाधन विभाग ने बाढ़ से संबंधित रिपोर्ट जारी किया है। बाढ़ का बाद नदियों के जलस्तर पर रिपोर्ट जारी किया है। रिपोर्ट के मुताबिक बागमती और कमला बलान का जलस्तर घटा है तो वहीं बूढ़ी गंडक और गंगा नदी का जलस्तर बढ़ रहा है। साथ ही पुनपुन नदी के जलस्तर में भी बढ़ोतरी हो रही है। महानंदा और लबेगिया नदी का जलस्तर घटा है। कोसी-सीमांचल में पूर्णिया में परमान को छोड़कर महानंदा, कनकई एवं बकरा का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे चला गया है। हालांकि कटिहार में महानंदा उफान पर है। उधर, खगडिय़ा में कमला और बागमती के रहमोकरम पर लोग हैं। बाढ़ के 48 घंटे बाद भी बाढ़ पीडि़तों तक राहत सामग्रियां नहीं पहुंच पाई हैं।

पूरे राज्य में विभिन्न जगहों पर 31 लोगों की डूबने से मौत हो गई। सीतामढ़ी जिले में बागमती, लखनदेई, लाल बकेया और अधवारा समूह की नदियों का कहर जारी है। मंगलवार को बैरगनिया, सुप्पी, सोनबरसा, परिहार, सुरसंड, बथनाहा, रीगा, मेजरगंज, बेलसंड, रुन्नीसैदपुर, बेलसंड और परसौनी के इलाकों में बाढ़ का कहर जारी रहा। लोग हाईवे, प्रमुख सड़क, स्कूल और रेलवे पटरी पर तंबू लगा कर रह रहे हैं। इसी बीच अब सीतामढ़ी शहर के दर्जनों अन्य नए इलाकों में भी बाढ़ का पानी घुस गया है। इसके अलावा पुनौरा धाम मंदिर के सामने स्थित शिवहर पथ में और रीगा रोड में पांच फीट पानी का बहाव जारी है। उधर, सीतामढ़ी-दरभंगा रेल खंड के जोजियारा रेलवे पुल संख्या 18 पर पानी के तेज बहाव के कारण इस रेलखंड पर मंगलवार को ट्रेनों का परिचालन पूरी तरह बंद रहा। दरभंगा जाने वाली तमाम सवारी गाड़ी के अलावा लंबी दूरी की कई ट्रेनें रद कर दी गईं। शिवहर, मधुबनी, पूर्वी चंपारण और पड़ोसी देश नेपाल से भी सड़क संपर्क भंग हैं। मुजफ्फरपुर जिले के मीनापुर प्रखंड के शीतलपट्टी गांव में बाढ़ के पानी में एक ही परिवार के तीन बच्चे डूब गए जबकि बच्चों की मां समेत दो को बचा लिया गया। डूबने वाले तीनों बच्चे भाई-बहन थे। बेतिया के मझौलिया क्षेत्र से होकर बहने वाली सिकरहना नदी पर बने जमींदारी बांध के ऊपर पानी बह रहा है। आधा दर्जन गांवों का सड़क संपर्क भंग हो गया है। चन्द्रावत नदी में डूबने से किशोर की मौत हो गई है। मोतिहारी में लालबकेया व सिकरहना नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। सुगौली शहर समेत कई गांवों में बाढ़ का पानी तेजी से बढ़ रहा है। गंडक नदी खतरे के निशान से नीचे बह रही है। विभिन्न जगहों पर डूबने से तीन लोगों की मौत हो गई। उधर, बगहा में नेपाल स्थित गंडक नदी के जल अधिग्रहण क्षेत्र में औसत बारिश होने के कारण मंगलवार को नदी का जलस्तर 1. 28 लाख क्यूसेक के आस पास है। बारिश थमने के साथ ही कोसी समेत अन्य प्रमुख नदियों के जलस्तर में गिरावट आई है।

सुपौल में कोसी के जलस्तर में एकाएक उतार-चढ़ाव के कारण अभियंता बाढ़-कटाव जैसी स्थिति रोकने के लिए प्रयास कर रहे हैं। मंगलवार को कोसी-सीमांचल में डूबकर 16 लोगों की मौत हो गई। पूर्णिया में आठ, सहरसा में चार और सुपौल-मधेपुरा-किशनगंज-अररिया में एक-एक मौत हुई है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में अभी भी पानी जमा है। पीडि़त ऊंचे स्थानों पर शरण लिए हुए हैं। पश्चिमी तटबंध के 6.80 किमी स्पर समेत घोघरडीहा से नीचे 27.00 किमी से 54.09 किमी के बीच भीषण दबाव बना हुआ है। साथ ही निर्मली रिंग बांध के स्लूस गेट संख्या दो से जारी रिसाव थमने का नाम नहीं ले रहा है। जलस्राव के उच्चतम स्तर पर जाने से जहां 6.80 किमी स्पर पर पानी ओवरटॉप हो गया था, वहीं एकाएक गिरावट के कारण यह स्पर काफी हद तक पंक्चर हो गया और अत्यधिक दबाव भी बना हुआ है।

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