दस्तक टाइम्स/ब्यूरो
पटना। बिहार विधानसभा चुनावों के लिए भारतीय जनता पार्टी की पहली लिस्ट में 43 नाम हैं। बीजेपी उम्मीदवारों के नाम की घोषणा के तुरंत बाद एनडीए की सहयोगी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी ने ऐतराज जताया। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) को भी सीट बंटवारे से झटका लगा। उसकी कोर कमेटी के सदस्य देवेंद्र प्रसाद यादव ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। देवेन्द्र प्रसाद यादव जेडीयू से इस्तीफा देकर मांझी के साथ आये थे। देवेंद्र का कहना है कि मांझी को 50 से कम सीटों पर समझौता नहीं करना चाहिए था। उन्होंने हम की शक्ति के अनुसार सीटें लेने के बजाए आत्मसमर्पण कर दिया। वीपी सिंह और एचडी देवगौड़ा की सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे तथा बिहार के झंझारपुर लोकसभा क्षेत्र का पांच बार प्रतिनिधित्व कर चुके देवेंद्र ने कहा कि वह और हम के अन्य नेताओं को साथ लेकर नई पार्टी समाजवादी जनता दल बना रहे हैं। दरअसल देवेन्द्र यादव अपने उम्मीदवारों के लिए टिकट चाहते थे। मांझी को एनडीए में 20 सीटें मिली है। इससे उनको लगता है कि उनके सभी लोगों को टिकट नहीं मिल पाएगा। बीजेपी की लिस्ट में सवर्ण जातियों को 19 सीटें दी गई हैं। पार्टी ने 5 विधायकों के टिकट काट दिए हैं। इस बार 17 नए चेहरों पर दांव खेला है। 26 विधायकों को फिर से टिकट दिया गया। टिकट पाने वालों में जेडीयू के एक बागी विधायक राजेश्वर राज भी हैं। पुराने नेता व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गोपाल नारायण सिंह को नवीनगर के उतारा गया है। लिस्ट में पहले फेज के 19, दूसरे के 15 तथा अन्य के 9 नाम शामिल हैं। लोजपा पार्लियामेंट्री बोर्ड के प्रेसिडेंट चिराग पासवान भी बीजेपी से नाराज हैं कि उनके संसदीय क्षेत्र जमुई के तहत आनेवाली सीटों पर भी उनका जोर नहीं चल रहा है। तारापुर पर हम के प्रदेश अध्यक्ष शकुनी चौधरी का दावा है। जमुई और चकाई की सीटों पर पूर्व मंत्री और हम के वरिष्ठ नेता नरेंद्र सिंह के पुत्रों-अजय प्रताप सिंह और सुमित सिंह का दावा इसलिए है कि ये दोनों सिटिंग विधायक हैं। भाजपा अजय के लिए जमुई सीट अपने खाते में रख रही है।