बिहार चुनाव से पहले खाद्य पदार्थो की कीमतों में वृद्धि से चिंतित सरकार
नई दिल्ली : बिहार विधानसभा चुनाव से पहले दाल सहित खाद्य पदार्थो की कीमतों में वृद्धि से चिंतित केंद्र सरकार ने राज्यों से दालों पर भंडारण की अधिकतम सीमा तय करने के निर्देश दिए हैं। प्याज को चुनावी मुद्दा बनने से रोकने के लिए सरकार पहले ही प्याज की भंडारण की अधिकतम सीमा तय करने के आदेश की अवधि को बढ़ा दिया है। साथ ही महंगाई से निपटने की रणनीति पर विचार करने के लिए सात जुलाई को सभी राज्यों के खाद्य मंत्रियों की बैठक बुलाई गई है। केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने गुरुवार को कहा कि मूंग, अरहर और उड़द की कीमतों में लगातार इजाफा हो रहा है। इसलिए, मंत्रालय चाहता है कि राज्य सरकार इन दालों पर भंडारण की अधिकतम सीमा का लागू करना चाहिए। ताकि कालाबाजारी पर अंकुश लगाया जा सके। चना, मटर और मसूर के दाम स्थिर हैं, इसलिए भंडारण की अधिकतम सीमा तय करने की जरूरत नहीं है। खाद्य तेल की कीमतों में भी स्थिरता है।
सरकार विदेश से आयात किए जाने वाले गेहूं पर आयात शुल्क लगाने की तैयारी कर रही है। खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि सरकार गेहूं के आयात पर दस प्रतिशत शुल्क लगाने पर गंभीरता से विचार कर रही है। देश में गेहूं की कीमत 19.50 रुपये है। जबकि विदेश से 17 रुपये प्रति किलो के हिसाब से गेहूं आयात किया जा रहा है। उन्होंने इन खबरों को भी बेबुनियाद बताया कि बेमौसम बारिश के बाद नियमों में बदलाव कर खरीदा गया गेहूं पौष्टिक नहीं है। पासवान ने कहा कि गेहूं पूरी तरह पौष्टिक है।