बिहार में अकेले चुनाव लड़ेगी सपा
लखनऊ: समाजवादी पार्टी ने बिहार चुनाव में अकेले ही उतरने का फैसला किया है। इस बात का एलान सपा महासचिव रामगोपाल यादव ने गुरुवार को किया। उन्होंने कहा कि यह फैसला पार्टी के संसदीय दल की बैठक में हुआ है। यादव के मुताबिक, पार्टी वहां कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी, इसका फैसला मुलायम सिंह यादव बिहार के कार्यकर्ताओं से बात करने के बाद तय करेंगे।बता दें कि हाल ही में महागठबंधन की पटना में हुई रैली में सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव नहीं पहुंचे थे। इसके बाद से ही इस बात के कयास लगने लगे थे कि महागठबंधन में सब कुछ अच्छा नहीं चल रहा। हालांकि, आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने एसपी को चुनाव में अपने कोटे से पांच सीटें देने कहा था। बिहार में आरजेडी, जेडीयू, कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ रही है। आरजेडी और जेडीयू 100-100 जबकि कांग्रेस 40 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।गठबंधन में अपमान हुआ: यादवरामगोपाल ने कहा, ”जनता परिवार ने बिहार में सपा को पांच सीटें दी थी। जब पार्टी गठबंधन में थी तो सीटों का फैसला करते समय हमसे भी बात करनी चाहिए थी। यह किसी गठबंधन धर्म के मुताबिक नहीं था। इससे पार्टी के नेता और कार्यकर्ता सहमत नहीं थे। वह खुद को अपमानित महसूस कर रहे थे। इसके बाद पार्टी ने सम्मानजनक तरीके से अपने बलबूते पर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया।” उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ेगी तो पार्टी वहां अन्य दलों से भी गठबंधन कर सकती है। कुछ पार्टियों से बात चल रही है। फैसले की वजह पूछे जाने पर यादव ने कहा कि यह आप तय करें कि किसकी गलती है? मैं कौन होता हूं कुछ कहने वाला?आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सपा में होंगे शामिल-पूर्व केन्द्रीय मंत्री और आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुनाथ झा ने गुरुवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। झा ने कहा कि आरजेडी में उनके और उनके समर्थकों की हो रही उपेक्षा के कारण उन्होंने पार्टी छोड़ने का फैसला लिया। वे सपा में शामिल होंगे। (पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें ),सपा की बिहार में ताकत ,सपा का बिहार में फिलहाल कोई विधायक नहीं है। पिछले विधानसभा चुनाव में 240 सीटों में से 146 सीट पर सपा ने चुनाव लड़ा था। 2014 लोकसभा चुनाव में पार्टी ने बिहार में कैंडिडेट नहीं खड़ा किया।आरजेडी को होगा नुकसान जानकारों का मानना है कि इस दरार से प्रदेश में आरजेडी के वोटबैंक पर सीधा असर पड़ेगा। इसकी वजह यह है कि आरजेडी और एसपी का वोटबैंक एक ही है। आरजेडी के परंपरागत यादव और मुस्लिम वोंटों में सपा सेंधमारी करेगी। वैसे भी आरजेडी के यादव वोटबैंक पर रामकृपाल यादव और पप्पू यादव पहले से ही सेंध लगाने की कोशिश कर रहे हैं। (पूरी पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)पॉलिटिकल रिएक्शन>बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, ” आज आत्मा शरीर से अलग हो गई। इससे साबित हुआ है कि जनता परिवार के मुखिया मुलायम सिंह यह महसूस कर चुके हैं कि उनको बिहार चुनाव में हार मिलने वाली है। यह ऐसा तथाकथित गठबंधन है, जिससे लोग एक-एक करके अलग हो रहे हैं। यह गठबंधन बिहार के विकास को रोकने की कोशिश कर रहा था।”>शरद यादव ने कहा कि वह बातचीत करके रास्ता निकालने की कोशिश करेंगे।>भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि अभी महागठबंधन से तो सपा ही अलग हुई है। हो सकता है की आगे चलकर लालू प्रसाद भी अलग हो जाएं। चुनाव से पहले यह हाल है तो आगे क्या होगा? यह सब कैसे भाजपा से मुकाबला करेंगे?>एलजेपी प्रमुख रामविलास पासवान ने कहा कि यह तो होना ही था। हमने तो पहले ही कहा था कि यह गठबंधन नहीं, लठबंधन है। यहां जो भी दल चुनाव लड़ने आएंगे, उनके मुंह में कालिख पोता जायेगा।>बिहार समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र यादव ने कहां कि जब नीतीश कुमार की नाव को जीतन राम मांझी डुबा रहे थे, तब सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने ही बचाया था। यहां के नेता गिरगिट की तरह रंग बदलकर राजनीति कर रहे हैं। बिहार की जनता उनको जवाब देगी।