पटना। बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को जहां भारी सफलता मिली है वहीं सत्तारूढ़ जनता दल (युनाइटेड) का लगभग सफाया हो गया है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस के भी कई दिग्गज चुनाव हार गए हैं। बिहार के 4० लोकसभा सीटों में से 31 सीटों पर राजग के उम्मीदवार या तो जीत गए हैं या तो बढ़त बनाए हुए हैं। जद (यू) ने पूर्णिया सीट भाजपा से छीन ली है तथा नालंदा में उसके उम्मीदवार आगे चल रहे हैं। भाजपा के लिए ये परिणाम भले ही खुशी देने वाले लए हों मगर उसके दिग्गज नेता शाहनवाज हुसैन भागलपुर से चुनाव हार गए हैं। वैसे भाजपा के प्रत्याशी राजीव प्रताप रूड़ी ने राबड़ी देवी को तथा रामकृपाल यादव ने पाटलिपुत्र में मीसा भारती को चुनाव हरा दिया है। पटना साहिब से भाजपा के प्रत्याशी शात्रुघ्न सिन्हा एक बार फिर चुनाव जीत गए हैं। इस चुनाव में जद (यू) का सूपड़ा साफ हो गया है। जद (यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव फिल्म निर्देशक प्रकाश झा को हार का मुंह देखना पड़ा। चुनाव परिणाम को देखने पर यह स्पष्ट है कि अधिकांश सीटों पर जद (यू) को तीसरे स्थान पर संतोष करना पड़ा है। राजद के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह को वैशाली से हार का मुंह देखना पड़ा। वैशाली से सिंह 1996 से अब तक लगातार पांच बार इस गढ़ पर अपना कब्जा बनाए हुए थे। यह चुनाव परिणाम जहां भाजपा के लिए सुखद रहा वहीं उसके सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने एक बार फिर लोकसभा में अपनी उपस्थिति दर्ज करा ली। हाजीपुर से लोजपा के अध्यक्ष रामविलास पासवान जमुई से उनके पुत्र चिराग पासवान मुंगेर से लोजपा प्रत्याशी वीणा देवी और खगड़िया से महबूब अली कैसर ने जीत दर्ज की है। दो सीटों पर लोजपा के प्रत्याशी बढ़त बनाए हुए हैं। लोजपा ने सात उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे थे। उसे भाजपा के साथ गठबंधन करने का भरपूर फायदा मिला। भाजपा को लोजपा से फायदा मिला या नहीं यह गहन विश्लेषण का विषय है।