सुपौल। कोसी में घोषित हाई अलर्ट के बीच रविवार को मुख्यमंत्री जीतन राम माझी वीरपुर पहुंचे और कोसी का जायजा लेने के बाद अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। इसके बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि नेपाल में जमा पानी से अधिक मात्रा में जलश्राव की आशका है। भूस्खलन के कारण पानी जमा है उसे क्रमशरू निकालने का प्रयास भारत सरकार व नेपाल सरकार द्वारा किया जा रहा है। प्रयास है कि एक बार ही जमा पानी नदी में न आए। इसके लिए भारत सरकार और नेपाल सरकार स्थल पर काम कर रही है। नियंत्रित प्रवाह में पानी को सफलतापूर्वक लाने के लिए काम जारी है। सात लाख क्यूसेक का प्रवाह बराज और लोगों ने झेला है। नेपाल में एक किमी लंबे चौक को तोड़ना और क्रमवार पानी को लाने की व्यवस्था मुस्तैदी से की जा रही है। घबराने की बात नहीं है प्रयास किया जा रहा है कि अधिकतम 5-6 लाख जलस्राव होगा। उन्होंने कहा कि बराज के अप एवं डाउन स्ट्रीम में एक विन्दु कमजोर है जिसे मजबूत किया जा रहा है। किसी भी हाल में तटबंध नहीं टूटेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाध के अंदर लगभग 2.5 लाख लोग बसे हैं। उन्हें अंदर से निकालना प्राथमिकता है। सेना, एनडीआरएफ को लगाया गया है। पहले बच्चे, बूढ़े, महिलाओं को निकालने का प्रयास किया जा रहा है। हालात को सरकार गंभीरता से ले रही है सरकार लोगों के साथ है। उन्होंने कहा कि तटबंध से बाहर कोई खतरे की आशका नहीं है। फिर भी भयवश लोग पलायन कर रहे हैं जो अनुचित प्रतीत हो रहा है। सरकार इस समस्या के निदान के लिए प्रधान सचिव जल संसाधन एवं आपदा को सतत निगरानी करने की जिम्मेवारी सौंपी है। मुख्यमंत्री के साथ मंत्री विजय कुमार चौधरी, मंत्री विजेन्द्र प्रसाद यादव, मुख्य सचिव अंजनी सिंह, प्रधान सचिव जल संसाधन दीपक कुमार सिंह, प्रधान सचिव आपदा व्यास जी के साथ ही सुपौल, सहरसा एवं मधेपुरा जिले के डीएम, एसपी समेत अभियंता प्रमुख, मुख्य अभियंता आदि मौजूद थे।