बिहार में शराब बंदी से अंतिम संस्कार तक प्रभावित
एजेंसी/ पटना। यूपी में भरौली सीमा की देशी शराब की दुकान पर 200 एमएल की एक दर्जन शराब की बोतलें ले जा रही एक महिला को पुलिस ने रोक लिया। बिहार के बक्सर की रहने वाली बुजुर्ग माया खारवाह पुलिसकर्मियों के पैरों पर गिर कर रोने लगी।
उसने पुलिसकर्मियों से कहा कि उसे ये शराब अपने साथ ले जाने दें, ताकि वह परिवार में हुई एक मौत के बाद जनजातीय समाज के तहत अंतिम संस्कार को कर सके।
जहां यह बूढ़ी महिला धार्मिक कारणों से मौत के बाद की परंपराओं को पूरा करने के लिए अपने साथ शराब ले जा रही थी। वहीं, कई युवा और मध्यम आयुवर्ग के लोग दो पहिया वाहनों और कारों से बिहार की सीमा पार करके यूपी में देशी शराब की दुकान पर पहुंच रहे थे।
वे शादी की पार्टियों में सेलिब्रेट करने से पहले अपना मूड बनाने के लिए वहां पहुंच रहे हैं। यानी शादी से लेकर मृत्यु तक में शराब उत्साह मनाने वालों से लेकर दुख जताने वालों तक के लिए एक जैसा काम करती है। छपरा सीमा से करीब 12 किमी दूर बलिया में स्थानीय दुकानदारों ने बताया कि लगन के दिन सड़क के किनारे खाली शराब की बोतलों और बियर के कैन रात 10 बजे तक पट जाते हैं।
बिहार में पांच अप्रैल से पूर्ण रूप से शराब बंदी लागू हो जाने के बाद से उत्तर प्रदेश के बलिया, गाजीपुर और चंदौली की सीमा में शराब की खपत बढ़ गई है। बिहार से शादी-उत्सव से पहले यहां लोग आते हैं और पार्टी का मूड बनाकर चले जाते हैं।