गया (बिहार) । एक कहावत है-‘आए थे हरि भजन को ओटन लगे कपास’। यह कहावत बिहार के गया में तब चरितार्थ हुई जब एक शिक्षिका जिलाधिकारी (डीएम) के पास तबादले का आवेदन देने आई। जिलाधिकारी ने देश के राष्ट्रपति का नाम पूछा तो शिक्षिका ने कहा-प्रतिभा पाटिल। अब शिक्षिका की नौकरी पर ही बन आई है। दरअसल हुआ यह कि गया के जिलाधिकारी संजय कुमार अग्रवाल के जनता दरबार में बांके बाजार प्रखंड की लुटुआ पंचायत के प्राथमिक विद्यालय डुमरी की शिक्षिका कुमारी अनिता भी पहुंचीं और आवेदन दिया कि जहां वह पढ़ाती हैं वह क्षेत्र तीन तरफ से पहाड़ियों से घिरा है और उसके घर से काफी दूर है। इस कारण उनका स्थानातंरण उसके अपने गांव के नजदीक कर दिया जाए। इस बात पर जिलाधिकारी ने शिक्षिका से बिहार का राज्यपाल और देश के राष्ट्रपति का नाम लिखने को दिया। शिक्षिका ने देश के राष्ट्रपति का नाम प्रतिभा पाटिल और बिहार के राज्यपाल का नाम स्मृति ईरानी लिखा। इसके बाद जिलाधिकारी भड़क उठे और शिक्षिका के प्रमाणपत्रों की जांच कर सात दिनों के अंदर रिपोर्ट देने का आदेश जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (माध्यमिक शिक्षा) को दिया है। जिलाधिकारी अग्रवाल ने कहा कि जब ऐसी शिक्षिका नौनिहालों को शिक्षा देंगी तो समझा जा सकता है कि बच्चे क्या सीखेंगे। उन्होंने कहा कि ऐसे शिक्षक न केवल अपना बल्कि आने वाले पूरी पीढ़ी को बर्बाद कर देंगे।