नई दिल्ली। सरकार ने आज कहा कि नेपाल में भूस्खलन के कारण कोसी नदी में भीषण बाढ़ से बिहार में आने वाली संभावित त्रासदी पड़ोसी देश के अधिकारियों द्वारा नियंत्रित विस्फोट कर सुरक्षित ढंग से पानी निकालने के कारण टल गई है और यह काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हिमालयी देश की यात्रा के दौरान हुआ। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज राज्यसभा में मोदी की नेपाल यात्रा के बारे में उनके स्वतरू आधार पर दिए गए बयान पर पूछे गए एक स्पष्टीकरण के जवाब में यह बात कही। उन्होंने कहा कि नेपाल में भूस्खलन के कारण कोसी नदी में भीषण बाढ़ की आशंका उत्पन्न हो गई थी। इससे सबसे अधिक त्रासदी बिहार को झेलनी पड़ती। सुषमा ने कहा कि प्रधानमंत्री की नेपाल में उपस्थिति का सम्मान करते हुए हिमालयी देश ने कोसी नदी में फंसे हुए मलबे को निकालने के लिए नियंत्रित विस्फोट किया। इसके कारण भीषण बाढ़ का खतरा टल गया और अब बिहार में इसके कारण बाढ़ नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल से कोसी नदी में जो विकराल बाढ़ देखने को मिल रही थी वह इस बार नहीं आएगी। इससे पहले जदयू नेता शरद यादव ने उनसे स्पष्टीकरण मांगते हुए कहा था कि क्या प्रधानमंत्री की नेपाल यात्रा के दौरान कोसी नदी में भीषण बाढ़ के चलते बिहार में आने वाली त्रासदी के मुद्दे पर पड़ोसी देश के साथ बात की गई। उन्होंने सरकार से जानना चाहा कि इस मुद्दे पर क्या बात हुई और इसका क्या समाधान निकाला गया। गौरतलब है कि पिछले दिनों नेपाल में भूस्खलन के कारण कोसी नदी में बहुत सारा मलबा गिरने की वजह से पानी एकत्र हो कर बहुत बड़ी झील में तब्दील हो गया था। इस मलबे को विस्फोट के जरिये हटाने की बात थी जिससे निचले इलाकों, विशेषकर बिहार में कोसी नदी के पास बसे क्षेत्रों में भीषण बाढ़ और इससे करीब 5 करोड़ लोगों के प्रभावित होने की आशंका थी। कोसी नदी में बाढ़ की आशंका को देखते हुए केंद्र और बिहार सरकार ने बड़े पैमाने पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया था। वर्ष 2008 में कोसी नदी में आई बाढ़ की विभीषिका बिहार में करोड़ों लोगों ने झेली थी और इससे जानमाल की भारी हानि हुई थी।