अजब-गजब

बीच रास्ते में लोगो ने गधे को दूध से नहलाया, लगा चक्का जाम, जानिए क्या थी वजह

हमारा देश काफी बड़ा हैं और इसमें कई प्रकार के लोग रहते हैं. इन सभी लोगो की सोच और नजरिया एक दुसरे से काफी अलग होता हैं. इसी बात के चलते भारत में कई बार हमें बड़ी अजीब अजीब चीजें देखने और सुनने को मिलती हैं. उदहारण के लिए भारत में लोगो का विरोध प्रदर्शन करने का तरीका भी काफी अलग अलग होता हैं. मसलन कोई भूख हड़ताल कर के विरोध प्रकट करता हैं, कोई भड़काऊ भाषण और तोड़फोड़ कर विरोध दर्शाता हैं तो कोई शान्तिपूर्वक मोमबत्तियां जलाकर विरोध दिखाते हैं.

बीच रास्ते में लोगो ने गधे को दूध से नहलाया, लगा चक्का जाम, जानिए क्या थी वजहलेकिन आज जो खबर हम आप लोगो को दिखाने वाले हैं उसमे विरोध करने के लिए जो तरीका हैं वो सबसे अलग और बेतुका हैं. दरअसल हाल ही में महारष्ट्र में कुछ लोगो ने विरोध प्रदर्शित करने के लिए गधे से लेकर भैंस तक को दूध से नहला दिया. आइए विस्तार से जाने क्या हैं पूरा मामला…

दरअसल पिछले कुछ दिनों से महारष्ट्र में स्वाभिमानी किसान संगठन के नेतृत्व में आन्दोलन चले जा रहा हैं. जिसमे किसानो की सरकार से कुछ मांगे हैं जो वे पूरी करान चाहते हैं. ऐसे में बीते गुरुवार ये आन्दोलन कुछ ज्यादा ही तेज़ हो गया. इस आन्दोलन के चलते किसान अपने घर के सभी सदस्यों जिसमे बच्चे और जानवर भी शामिल हैं, को रोड पर ले आए और चक्का जाम कर दिया. इस आन्दोलन की वजह से मुंबई सहित कई जिलो में दूध की किल्लत हो गई हैं.

इस विरोध प्रदर्शन में किसानो के साथ दूध उत्पादक भी शामिल थे. ऐसे में उन्होंने अपने विरोध को अलग अलग ढंग से प्रदर्शित किया. जहाँ एक तरफ कई लोगो ने हजारों लीटर दूध सड़कों पर बहा दिया तो वहीँ कुछ अपने जानवर जैसे भैंस को दूध से नहलाने लगे. लेकिन एक जगह तो हद तब हो गई जब इन लोगो ने डोनगांव में एक गधे को ही दूध से ही नहला दिया.

इतना ही नहीं जो लोग दूध बेचने ले जा रहे थे उन्हें भी रोका गया और उनका दूध सड़को पर उड़ेल दिया गया. इस आन्दोलन की लहर अमरावती, पुणे, नागपुर, कोल्हापुर जैसे शहरों में भी दिखाई दी. एक जगह तो ये लोग हिंसक हो गए और सरकारी बस में ही तोड़ फोड़ कर दी.

इस मामले पर स्वाभिमानी संगठना के नेता शेट्टी ने कहा कि चुकी सरकार हमारी मांगो पर कोई ध्यान नहीं दे रही हैं इसलिए हमने किसानो को सड़को पर उतरने को कहा. ये आन्दोलन उग्र हो रहा हैं और साथ ही दूध का भी नुकसान हो रहा हैं.’

मुंबई शहर में दूध ना जा सके इसकी कोशिश कई आंदोलनकारियों ने जरूर की, हालाँकि पश्चिम रेलवे ने गुजरात से दूध मंगवाकर मुंबई वासियों को दे दिया, कई जगह तो इन प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार भी किया गया.

इन सबके बीच एक बात समझ नहीं आई कि इस तरह से दूध को सड़क पर फेक उसका नुकसान करना कहा तक सही हैं? अगर इन्हें दूध फेकना ही था तो ये किसी भूखे जानवर को भी दे सकते थे. दूसरी बात गधे जैसे बेजुबान जानवर को दूध से नहलाकर परेशान करना भी गलत हैं. उनके इस प्रदर्शन के बाद क्या कोई आन्दोलनकारी उस गधे को पानी से नहला के साफ़ करेगा? ऐसे में उसकी स्किन में खुजली, इन्फेक्शन जैसी कई समस्याएं भी हो सकती हैं.

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