बीजेपी सांसद बोले- मेरी पार्टी बड़ी सफाई से कर रही है आरक्षण खत्म करने पर काम
विश्व आदिवासी दिवस पर गुरुवार को हजरतगंज स्थित कैपिटल हॉल में सामाजिक न्याय एवं अधिकार सम्मेलन में फुले ने कहा कि बड़ी सफाई से ओबीसी व एससी आरक्षण पर चोट की जा रही है। संविधान व आरक्षण की रक्षा के लिए ओबीसी व एससी-एसटी को एकजुट होकर आंदोलन करना पड़ेगा। एससी-एसटी एक्ट की बहाली दो अप्रैल के दलित आंदोलन के कारण हुई है।
उन्होंने कहा कि पहले बहुजन समाज के लोगों को गले में हांडी व कमर में घंटी बांधकर चलना पड़ता था। बाबा साहब आंबेडकर का संविधान लागू हुआ तो पिछड़े, दलित गले में टाई व कमर में बेल्ट व रिवॉल्वर बांधकर चल रहे हैं। यह दुखद है कि वर्तमान समय में भी बहुजन समाज के दूल्हों को घोड़ी पर चढ़ने से रोका जा रहा है। पिछड़े वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण मिला है लेकिन इनका प्रतिनिधित्व अभी 6 प्रतिशत ही है। ओबीसी को भी लोकसभा व विधानसभा में आरक्षण मिलना चाहिए।
सम्मेलन के संयोजक लौटन राम निषाद ने कहा कि जाटव व चमार नाम से दोहरे, दोहरा, रविदासी, शिवदासी, नीम, पिपैल, दबकर, मोची, कुरील को जाति प्रमाणपत्र दिया जा रहा है। दूसरी तरफ गोडिया, धुरिया, कहार, रायकवार, धीमर आदि को गोंड एवं मांझी, मल्लाह, केवट, बिन्द, राजगोंड, धीवर आदि को मंझवार नाम से जाति प्रमाणपत्र न देकर सामाजिक अन्याय किया जा रहा है।