स्वास्थ्य

बीमारियों से गर्भवती महिला और बच्चे की मृत्यु न होने दें

नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज विश्व जनसंख्या दिवस, 2019 के अवसर पर जनसंख्या एवं विकास पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन से संबंधित राष्ट्रीय कार्यशाला 25ईयर्स-लिवरेजिंग पार्टनरशिप्स के उद्घाटन के अवसर पर कहा, ‘आइए, हम सब रोकथाम की जा सकने वाली बीमारियों से किसी गर्भवती महिला और बच्चे की मृत्यु न होने दें। 25 साल पहले 1994 में आज ही के दिन काहिरा में महत्वपूर्ण आईसीपीडी का आयोजन हुआ था। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के गतिशील और दूरदर्शी नेतृत्व में देश 2022 तक न्यू इंडिया के निर्माण का साक्षी बनेगा जिसमें विकास का सकारात्मक निर्णायक तत्व-स्वास्थ्य होगा। उन्होंने कहा, ‘सरकार स्वास्थ्य से जुड़े मसलों का समाधान करने, इसके स्तर में सुधार लाने और गुणवत्तापूर्ण सेवाओं तक सभी की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस अवसर पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे भी उपस्थित थे।

विश्व जनसंख्या दिवस के महत्व पर रोशनी डालते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि जनसंख्या स्थिरीकरण गुणवत्तापूर्ण जीवन और संपूर्ण स्वास्थ्य कवरेज के लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, ‘हमें स्वास्थ्य को सभी सार्वजनिक नीतियों के संघटक के तौर पर रखना चाहिए। यह अवसर महिला-पुरुष समानता, मातृ और शिशु स्वास्थ्य, मानवाधिकारों और गरीबी तथा विकास के अन्य निर्धारकों से जुड़े विषयों के बारे में चर्चा करने के लिए महत्वपूर्ण और प्रबल मंच भी उपलब्ध कराता है। उन्होंने कहा कि पोलियो उन्मूलन के अभियान ने हमें सिखाया है कि कठिन दिखाई देने वाले कार्य भी समाज की भागीदारी से सफल बनाए जा सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘हमें कामयाब कहानियों के अनुभवों से सीखना होगा और चुनौतियों से सबक लेना होगा। हमें अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए इस इस तरह के ज्ञान और संसाधनों पर निर्भर करना होगा। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने कहा, ‘स्वास्थ्य मंत्रालय के लिए इस साल का बजट देश में स्वास्थ्य क्षेत्र को दिये जाने वाले महत्व की झलक प्रस्तुत करता है। इसमें कुल परिव्यय में लगभग 19 प्रतिशत तक वृद्धि की गई है। स्वास्थ्य एवं आरोग्य केंद्रों (एचडब्ल्यूसी) और पीएमजेएवाई के दो स्तंभो को कवर करने वाले प्रमुख कार्यक्रम आयुषमान भारत में 154.87 प्रतिशत वृद्धि देखी गई है।

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