नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने एन श्रीनिवासन पर खिलाड़ियों के नियम उल्लंघन के बावजूद कार्रवाई नहीं करने के मुद्गल समिति के आरोपों पर सफाई देते हुये सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है। आईपीएल छह मामले की जांच कर रही सेवानिवृत न्यायाधीश मुकुल मुद्गल समिति ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी रिपोर्ट में बोर्ड की गतिविधियों से अलग किये गये अध्यक्ष को फिक्सिंग और सट्टेबाजी के अरोपों में क्लीन चिट दी थी लेकिन समिति ने श्रीनिवासन और बोर्ड के चार अन्य अधिकारियों पर कुछ खिलाड़ियों के संदिग्ध गतिविधियों में शामिल होने की जानकारी होने के बावजूद कार्रवाई नहीं करने का अरोप लगाया था। बीसीसीआई ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपने हलफनामे में श्रीनिवासन का बचाव करते हुये कहा है कि रिपोर्ट में जिक्र किये गये तीनों खिलाड़ियों को मौखिक तौर पर फटकार लगाई गई थी। उस समय के बोर्ड अध्यक्ष शशांक मनोहर ने भी खिलाड़ियों की सफाई पर संतोष जताया था। हलफनामे में बीसीसीआई के अध्यक्ष संजय पटेल ने बताया, 18 नवंबर को बीसीसीआई ने मुद्गल समिति की रिपोर्ट पर विस्तृत चर्चा की थी। ओडिशा क्रिकेट संघ के प्रतिनिधि रंजीब बिस्वाल जो उस समय मौजूद थे उन्होंने भी बताया कि खिलाड़ियों को मौखिक रूप से फटकार लगाई गई थी और तत्कालीन बोर्ड अध्यक्ष शशांक मनोहर ने भी खिलाड़ियों की सफाई पर संतोष जताया था। बिस्वाल उस दौरान भारतीय क्रिकेट टीम के मैनेजर थे। एजेंसी