बीस हजार करोड़ का है शारदा चिटफंड घोटाला
कोलकाता : पश्चिम बंगाल में हुए चिटफंड घोटाले के मामले में सीबीआई और ममता बनर्जी सरकार के बीच ठन गई है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई की टीम कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से पूछताछ के लिए उनके आवास पर पहुंची थी। इस घटना के बाद मामला गरमा गया और कोलकाता पुलिस ने सीबीआई टीम को हिरासत में ले लिया। सीबीआई टीम को पुलिस थाने लेकर गई, बाद में कोलकाता स्थित दोनों ऑफिस को घेर लिया गया। ममता बनर्जी केंद्र सरकार पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए धरने पर बैठ गईं। राजनीतिक रार के बीच यह जानना बेहद जरूरी है कि आखिरकार शारदा चिटफंड मामला क्या है और यह घोटाला कितने करोड़ का है। यह घोटाला कुल 20 हजार करोड़ रुपये का है। पूरे मामले में दो बड़े घोटाले का आरोप है। पहला मामला शारदा चिटफंड का है जिसमें करीब 2500 करोड़ रुपये के हेराफेरी का आरोप है। दूसरा मामला रोज वैली से जुड़ा है, यह करीब 17000 करोड़ रुपये का घोटाला है। मामले की जांच कर रहे अधिकारियों का कहना है कि दोनों मामलों में तृणमूल कांग्रेस ने आरोपियों को सपोर्ट किया था। दोनों मामलों की जांच फिलहाल सीबीआई कर रही है। चिटफंड कंपनियों ने इस मामले में निवेशकों से कहा कि वे निवेश करें और उन्हें आकर्षक ब्याज दर दी जाएगी। समय सीमा समाप्त होने के बाद निवेशक जब अपना रिटर्न लेने पहुंचे तो सभी कंपनियों ने पैसे रिटर्न करने से मना कर दिया, मामला कोर्ट में पहुंचा, आखिरकार 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी। कोर्ट ने उस समय आदेश दिया था कि पश्चिम बंगाल, ओडिशा और असम पुलिस जांच में सीबीआई की मदद करें।
शारदा चिटफंड की तरह रोज वैली भी बंगाल का बहुत बड़ा आर्थिक घोटाला है, इसमें निवेशकों को दो अलग-अलग स्कीम का लालच दिया गया। करीब एक लाख लोगों ने इन स्कीमों में निवेश किया था, जिसके बाद कंपनी ने रिटर्न करने से इनकार कर दिया। 2008 में शारदा कंपनी की शुरुआत हुई थी। फर्जी वादे कर कंपनी ने लाखों निवेशकों से निवेश करवाया और बाद में पैसे देने से मना कर दिया। 2013 में इस घोटाले का पर्दाफाश हुआ था। जांच के लिए SIT का गठन किया गया, जिसके चीफ राजीव कुमार बनाए गए थे। 2014 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मामले की जांच CBI को सौंप दी गई। सीबीआई का कहना है कि राजीव कुमार ने कई अहम सबूत पुलिस को नहीं सौंपे। सीबीआई की टीम इसी सिलसिले में पूछताछ के लिए उनके घर पहुंची थी। सीबीआई का कहना है कि पहले उन्हें कई बार समन जारी किया गया, जब उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया, तब हमने उनके घर पहुंच कर पूछताछ करने का फैसला किया।