नई दिल्ली। जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने शनिवार को दस्तारबंदी समारोह में अपने 19 वर्षीय बेटे शबान बुखारी को 17 वीं सदी की इस मस्जिद का नायब इमाम घोषित किया। यह आयोजन पहले ही काफी विवादों में आ गया था जबकि उच्च न्यायालय ने कहा था कि इस समारोह की कोई कानूनी वैधता नहीं है। बुखारी ने समारोह में कहा कि मैं शबान बुखारी को जामा मस्जिद का नायब इमाम घोषित करता हूं। मैं आशा करता हूं कि वह आकांक्षाओं पर खरा उतरेंगे। समारोह में कई मुस्लिम नेता पहुंचे लेकिन किसी भी राजनीतिक नेता ने इसमें शिरकत नहीं की। शाम की नमाज के बाद यह समारोह हुआ। देश तथा सऊदी अरब, ईरान और मिस्र सहित विदेश के कई नेता एवं मुस्लिम विद्वान इस अवसर पर मौजूद थे। शबान बुखारी एमिटी विश्वविद्यालय से सामाजिक कार्य विषय में स्नातक की पढ़ाई कर रहे हैं। बुखारी ने इस समारोह के लिए विभिन्न दलों के नेताओं और यहां तक कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को न्यौता भेजा था। लेकिन इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निमंत्रण नहीं दिया गया जिसके कारण यह समारोह विवाद में आ गया था। एजेंसी