बुधवार के दिन गणपति जी की आराधना में खास होते हैं ये 5 विशेष मंत्र, इस तरह करें पूजा…
इन मंत्रों का करें जाप
दीप दर्शन में: प्रात:काल स्नान करके जब गणेश जी का पूजन करें तो सबसे पहले उन्हें दीप दर्शन करायें और इस मंत्र का पाठ करें- साज्यं च वर्तिसंयुक्तं वह्निना योजितं मया, दीपं गृहाण देवेश त्रैलोक्यतिमिरापहम्, भक्त्या दीपं प्रयच्छामि देवाय परमात्मने, त्राहि मां निरयाद् घोरद्दीपज्योत।
सिंदूर दान में: इसके पश्चात भगवान गणपति को सिन्दूर अर्पण करें और इस मंत्र का वाचन करें- सिन्दूरं शोभनं रक्तं सौभाग्यं सुखवर्धनम्, शुभदं कामदं चैव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम्।
प्रसाद चढ़ाते हुए: जब आप लम्बोदर को पसाद चढ़ायें तो इस मंत्र को बोलते हुए नैवेद्य अर्पण करना चाहिए- नैवेद्यं गृह्यतां देव भक्तिं मे ह्यचलां कुरू, ईप्सितं मे वरं देहि परत्र च परां गरतिम्, शर्कराखण्डखाद्यानि दधिक्षीरघृतानि च, आहारं भक्ष्यभोज्यं च नैवेद।
माल्यापर्ण करते हुए: जब भगवान गणेश की पूजा करते समय पुष्प माला चढ़ायें तो ये मंत्र बोलना चाहिए- माल्यादीनि सुगन्धीनि मालत्यादीनि वै प्रभो, मयाहृतानि पुष्पाणि गृह्यन्तां पूजनाय भोः।
यज्ञोपवीत सर्मपण करते हुए: गणेश पूजन में यज्ञोपवीत का अत्यंत महत्व है इसलिए जब उन्हें यज्ञोपवीत चढ़ायें तो इस मंत्र का जाप करें- नवभिस्तन्तुभिर्युक्तं त्रिगुणं देवतामयम्, उपवीतं मया दत्तं गृहाण परमेश्वर।
इन सभी मंत्रों के साथ प्रत्येक बुधवार को शुद्ध मन से अगर आप गणेश जी की पूजा करेंगे तो आपको ज्ञान और समृद्धि का कभी आभाव नहीं रहेगा।
इनका भी रखें ध्यान
बुधवार को विधि विधान से पूजा कर विनायक को प्रसन्न करें। कुछ खास बातों का ध्यान रख कर पूजा करने से विषेश लाभ मिलेगा, जैसे इस दिन सुबह उठकर स्नानादि कार्यों से निवृत होकर अगर आपने घर पर गणपति की स्थापना की है तो घर पर ही, नहीं तो गणेश जी के मंदिर में जाकर दूर्वा की 11 या 21 गांठें अर्पित करें। बुधवार के दिन श्री गणेश की विधिवत पूजा करने के बाद गुड़ और घी का भोग लगाएं। थोड़ी देर के बाद ये भोग गाय को खिला दें। इसे व्यक्ति को विशेष फल की प्राप्ति होगी। इस दिन यदि घर में श्रीगणेश की सफेद रंग की प्रतिमा स्थापना करें तो इसे अत्यंत शुभ माना जाता है। सफेद मोदक का प्रसाद चढ़ाना और ग्रहण करना भी ना भूलें। इससे घर में और मन में शांति बनी रहेगी। कहते हैं कि बुधवार के दिन गणेश जी को शमी के पत्ते अर्पित करने से तीक्ष्ण बुद्धि होती है। इसके साथ ही ग्रह कलह का भी नाश होता है। इसके अलावा लंम्बोदर पर लाल सिंदूर और बूंदी के लड्डू भी अर्पित करें।