श्रीनगर। हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी की मौत के एक वर्ष पूरे हो जाने के बाद भी जम्मू कश्मीर में उसे लेकर हिंसा बढ़ रही है। उसकी बरसी के अवसर पर अलगाववादी संगठनों ने जमकर विरोध किया। उसकी पहली बरसी के अवसर पर तनाव की संभावना थी। जिसके चलते कश्मीर घाटी में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया। तनाव और हिंसा के हालात के बीच कश्मीर घाटी में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। प्रशासन द्वारा अमरनाथ यात्रा को एक दिन के लिए रोक लगा दी गई है।
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पुलवामा जिले में बुरहान वानी के गृहनगर में क्र्फयू लगा दिया गया। पुलवामा, कुलगाम, शोपियां और अनंतनाग जिले में विभिन्न स्थानों पर बुरहान वानी के समर्थक सड़कों पर उतर आए। इसके बाद प्रशासन द्वारा त्राल में अनिश्चितकालीन कफ्र्यू लगाने का निर्णय लिया गया। इसके बीच श्रीनगर के पुराने शहर के क्षेत्रों बारामूला, सोपोर, पुलवामा, अनंतनाग के अतिरिक्त संवेदनशील स्थानों पर धारा 144 लागू कर दी गई है।
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राज्य सरकार द्वारा विभिन्न शिक्षण संस्थानों में 6 जुलाई से 10 दिन के अवकाश की घोषणा कर दी गई है। जम्मू कश्मीर पुलिस के आईजी मुनीर खान द्वारा कहा गया कि अलगाववादी नेता द्वारा हंगामे की संभावना जताई जा रही है। हिंसा और तनाव के हालात को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।
अलगाववादी हुर्रियत नेता मीरवाइर्ज़ उमर फारूक और सैयद अली शाह गिलानी को नज़रबंद कर दिया गया। आतंकी बुरहानी वानी को वर्ष 2016 की 8 मई को मारे जाने के बाद से ही कश्मीर राज्य में तनाव के हालात हैं। कई बार यहां के स्कूलों के परिसर में आगजनी की वारदातें हो चुकी हैं।