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बुलंदशहर गैंगरेपः एक बदमाश ने अपने ही साथियों को गैंगरेप करने से रोका था

bulandshahr-gangrape_1469993313नेशनल हाईवे 91 पर परिजनों को बंधक बनाकर मां-बेटी से गैंगरेप से पहले एक बदमाश ने अपने साथियों को ऐसा करने से रोका था। उसके रोकने पर सभी बदमाश 10-12 कदम आगे चले, लेकिन फिर लौट आए और अगले चार घंटों तक मां-बेटी पर हैवानियत की सारी हदों को लांघ दीं।

डीआईजी लक्ष्मी सिंह को आपबीती सुनाते वक्त दरिंदगी की शिकार मां-बेटी रह-रह कर कांपती रहीं। पीड़ित मां-बेटी ने डीआईजी को बताया कि उन्हें लूटने के बाद बदमाश उनकी कार को हाईवे किनारे एक खेत में ले गए।

सभी बदमाश उसके और उसकी बेटी के साथ दरिंदगी की वारदात को अंजाम देने लगे तो एक बदमाश ने उन्हें ऐसा नहीं करने के लिए कहा। उस बदमाश के कहने पर सभी हैवान करीब 10 से 12 कदम आगे चले और फिर आपस में कुछ बात करने लगे।
सदमे में हैं पीड़‌ित मां-बेटी

इसके बाद सभी हैवान लौटे और हैवानियत को भी शर्मसार करने वाली घटना को अंजाम दे दिया। पीड़ित मां-बेटी इतने सदमे में हैं कि वह कुछ ठीक से बोल भी नहीं पा रही हैं।

पीड़ित मां-बेटी ने बताया कि उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि कभी उन्हें इस भयानक सच से भी सामना करना पड़ेगा। पीड़ित मां-बेटी डीआईजी को आपबीती सुनाते-सुनाते कई बार सुबक पड़ी।

24 घंटे में गैंगरेप का खुलासा करे प्रदेश सरकार : वीके सिंह
शिकारपुर। ‘नेशनल हाईवे पर मां-बेटी के साथ हुई गैंगरेप की घटना का प्रदेश सरकार 24 घंटे में खुलासा करे और अपराधियों को जल्द दबोचे। साथ ही मामले के दोषी पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्रवाई करे।’ यह मांग केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह ने शिकारपुर में भाजपा के विकास पर्व एवं सम्मान समारोह में उठाई। उन्होंने प्रदेश सरकार पर हमला बोला। कहा कि प्रदेश में चारों ओर गुंडाराज है। लूट, हत्या और बलात्कार जैसी घटनाएं आम हो गई हैं। प्रदेश सरकार उन्हें रोकने में नाकाम रही है।

शर्मसार करने वाली वारदातें

-वर्ष 2012 में स्कूल से लौट रही नाबालिग के साथ आठ लड़कों द्वारा किया गया गैंगरेप
-वर्ष 2011 में नरौरा थाना क्षेत्र के एक गांव में सात साल की बच्ची से दुष्कर्म के बाद हत्या
-वर्ष 2015 जनवरी में शादी में आई सात साल की बच्ची से दुष्कर्म
-वर्ष 2015 अगस्त में नरसेना में किशोरी को अगवा कर तीन लोगों ने किया दुष्कर्म
-वर्ष 2015 में ही एनएच 91 पर गांव चुहरपुर के निकट एक युवती से गैंगरेप
-वर्ष 2015 में ही हाइवे पर धरपा मोड़ के पास मेरठ के का सवार युवकों ने नर्सिंग की छात्रा से किया गैंगरेप
-वर्ष 2014 में खुर्जा के गांव मुंडाखेड़ा की युवती के साथ हाइवे स्थित गांव लालपुर-चितौला के पास गैंगरेप

सिकंदराबाद में रात भर सड़कों पर नजर आई पुलिस
सिकंदराबाद। हाईवे पर मां-बेटी से गैंगरेप की वारदात के बाद अलर्ट पुलिस रात भर पेट्रोलिंग करती नजर आई। कई जगह संदिग्ध वाहनों और लोगों की चेकिंग की गई। इसके अलावा पुलिस गांवों में ग्रामीणों से ही पहरा लगवाने की योजना बना रही है। इसके लिए कोतवाली से सभी ग्राम प्रधानों को कोतवाली में बुला कर दिशा निर्देश देने का फैसला लिया है।

दिन में भी हाईवे पर सफर करने से कतराने लगे लोग

बुलंदशहर में परिजनों को बंधक बनाकर मां-बेटी से गैंगरेप की बेहद सनसनीखेज वारदात के बाद लोग दिन में भी हाईवे पर सफर करने से कतराने लगे हैं। हालांकि रविवार को हाईवे पर कई जगह पुलिसकर्मी मुस्तैद नजर आए लेकिन वाहनों की संख्या कम रही।

हाईवों का निर्माण यही सोचकर किया जाता है कि आप अपना समय बचाते हुए तेज रफ्तार से अपनी मंजिल तक जल्द और सुरक्षित पहुंच जाएं। हाईवे पर पेट्रोलिंग और सुरक्षा का जिम्मा हाईवे पुलिस और स्थानीय पुलिस का होता है, लेकिन शुक्रवार रात शायद हाईवे पर पुलिस की तैनाती और गश्त नहीं हुई।

अभी तक रात में हाईवे पर रोडरेज, लूटपाट और अपहरण के मामले ही प्रकाश में आते रहे हैं लेकिन शुक्रवार की रात हुए मां-बेटी से गैंगरेप ने सुरक्षा के मुद्दे पर हाईवे के मुसाफिरों को गहरी चिंता में डाल दिया है।
हाईवे किनारे ढाबों पर रुकना भी खतरना
हाईवे पर पड़ने वाले ढाबों पर रुकने से पहले आप जरा सोच-समझ लें। ढाबों पर रुकने से पहले देख लें कि क्या यहां पर रुककर खाना खाना या फ्रेश होना सुरक्षित है। बुलंदशहर सीमा के आसपास कई ऐसे ढाबे हैं, जहां रुकने के बाद चलने पर लूट की वारदात हो जाती है।

कई बार इस प्रकार की घटनाएं भी सामने आ चुकी हैं। बेहतर होगा कि आप आउटर पर स्थित ढाबों पर कम से कम फैमिली के साथ न रुकें। फैमिली के साथ सिटी के रेस्तरां या होटलों पर ही रुकें। यदि किसी कारणवश आउटर के ढाबों पर रुकना भी पड़े तो चलते समय देख लें कि कहीं कोई आपका पीछा तो नहीं कर रहा।

कप्तान साहब, कहां गए आपके जवान
घटना की जगह से महज एक किलोमीटर की दूरी पर ही मुख्य कावंड़ मार्ग है। एसएसपी ने 1275 जवानों को कावंड़ यात्रा की ड्यूटी पर लगाने का दावा किया था, लेकिन कप्तान साहब के ये जवान चार घंटे तक चली इस दरिंदगी के दौरान पता नहीं कहां गायब रहे।

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