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बुलेट ट्रेन के लिए जमीन अधिग्रहण का सूरत के किसानों ने किया विरोध

अहमदाबाद और मुंबई के बीच बुलेट ट्रेन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वप्निल परियोजना है. इस परियोजना पर उनके गृह राज्य में ही अड़ंगा डाला जा रहा है. सूरत जिले के किसान सड़कों पर उतरकर इस परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण का विरोध कर रहे है.

बुलेट ट्रेन के लिए जमीन अधिग्रहण का सूरत के किसानों ने किया विरोधजिले के 15 गांवों के 200 से अधिक किसान ट्रैक्टर और मोटरसाइकिलों से सूरत जिला समाहरणालय पहुंचे, वो लोग परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण की अधिसूचना का विरोध कर रहे थे. प्रदर्शनकारी किसानों ने जिला समाहर्ता को अपनी 14 आपत्तियों के साथ एक ज्ञापन सौंपा.

विरोध-प्रदर्शन में शामिल किसान नेता जयेश पटेल ने संवाददाताओं को बताया कि परियोजना के लिए 21 गांवों में करीब 140 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण की जा रही है, जिसका किसानों ने विरोध किया है. जयेश पटेल ने कहा किअनिवार्य पर्यावरण संबंधी और सामाजिक प्रभाव का मूल्यांकन किए बगैर ही जमीन अधिग्रहण की अधिसूचना जारी की गई.

उन्होंने कहा, अधिग्रहण की अधिसूचना जारी करने से पहले जिला समाहर्ता को अधिग्रहण की जाने वाली जमीन की बाजार दर की घोषणा करनी चाहिए, मगर अभी तक ऐसा नहीं किया गया है. किसानों ने आगे कहा कि सरकार पहले ही दिल्ली-मुंबई समर्पित मालावाहक गलियारे के लिए काफी जमीन अधिग्रहण कर चुकी है.

आईएएनएस को पटेल ने कहा कि पश्चिमी रेलवे के पास इस परियोजना के लिए पर्याप्त जमीन है, इस परियोजना के लिए अब हमारी जमीन अधिग्रहण करने की कोई आवश्यकता नहीं है. हम पालघर स्थित अपने समकक्षों के संपर्क में हैं और उन्हीं की तरह हम भी अपनी जमीन से वंचित नहीं होना चाहते हैं.

बुलेट ट्रेन परियोजना की नोडल एजेंसी नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएचसीएल) को इसी प्रकार महाराष्ट्र के पालघर में भी विरोध का सामना करना पड़ रहा है.

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