जीवनशैली

बेस्ट बहू का तमगा पाना है, तो गौर करें इन बातों पर

mother-in-law-and-daughter-in-law-554deb07c7e66_lलजीज भोजन बनाना, सिलाई-कढ़ाई-बुनाई, पेंटिंग, गाना, नाचना, लिखना, पढऩा, हंसना, हंसाना या बातें बनाना… कुछ न कुछ तो आपको ऐसा खास आता ही होगा, जो सबका दिल जीत ले। सबको महसूस करवा दे कि नई बहू तो कमाल की है। इसके अलावा सासूमां की डांट-फटकार पर भी चेहरे से मुस्कान गायब न होने दें, तभी आप एक अच्छी बहू बन पाएंगी।

आपकी सासूमां के पास जमानेभर का अनुभव है, उस अनुभव को जोश में आकर गलत न बताएं। उनके अनुभव की कद्र करें। उन्हें बदलते जमाने की तस्वीर दिखाएं, पर व्याख्या आप खुद न करें। उन्हें खुद बदलाव को समझने के लिए समय दें। आप जितना ज्यादा उनसे बात करेंगी, उतना ही ज्यादा उन्हें करीब से समझ पाएंगी। जितना ज्यादा समझेंगी, उतना ही ज्यादा सास-बहू का रिश्ता मजबूत होगा।

अपने नजरिये को सुधारें। किसी भी नतीजे पर पहुंचने से पहले बातों को समझने की कोशिश करें। इसके अलावा पूरी गृहस्थी को एकजुट और खुश रखने का स्वर्णिम सूत्र भी जान लें, अपने पति से सासूमां की शिकायत न करें और सासूमां के सामने पति से हुए झगड़ों का जिक्र न करें। पति जैसा भी है, उसके साथ आपको रहना है तो निभाना भी आपको ही पड़ेगा। अपने धैर्य के बांध को टूटने न दें। समय सब अच्छा कर देता है।

घर-गृहस्थी के कार्यों पर अपनी पकड़ बनाना शुरू कर दें। ऐसा नहीं है कि सिर्फ अच्छी तरह से नौकरी कर लेने से ही आप बेस्ट बहू का तमगा पा लेंगी और घर में पैसा आ जाने से गृहस्थी में सामंजस्य बैठ जाएगा। पैसा कमाना जरूरी हो सकता है, पर गृहस्थी में रुचि लेना भी बहुत जरूरी है, तभी परिवार बना रह सकता है। ननद को छोटी बहन की तरह मानें, जेठानी को बड़ी बहन की तरह और देवरानी को सहेली की तरह। जो आपको आता है, उसे सबको सिखाएं और जो औरों को आता है, उसे सीखने की कोशिश करें। किसी को देखकर चिढऩे की बजाय स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना रखें। हर रोज घर, रसोई, सामान आदि के बारे में नई चीज सीखती रहें। कुछ दिनों बाद जब आप खुद से बातें करेंगी और कुरेदेंगी कि आपको क्या-क्या आता है तो मुंह खुला का खुला रह जाएगा।

 सासूमां की सेवा करें, उनके बुढ़ापे का सहारा बनने की कोशिश करें। हो सकता है कि आप नौकरी करना चाहती हों, पर जितना भी समय मिले, सासूमां का पूरा खयाल रखना आपकी जिम्मेदारी है। कोई चाहे उनकी सेवा करे या न करे, पर आप सेवा को बोझ समझने की बजाय पुण्य कमाने का एक अवसर समझें। सास-ससुर की इतनी सेवा करें कि उनकी दुआओं से आपकी झोली भर जाए।

 

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