लखनऊ : भीड़भाड़ से दूर हिल स्टेशन है उत्तरकाशी की मोरी। वैसे उत्तरकाशी ऋषिकेश से 155 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक शहर है, जो उत्तरकाशी जिले का मुख्यालय है। यह शहर भागीरथी नदी के तट पर है। यहां भगवान विश्वनाथ का प्रसिद्ध मंदिर है। एक तरफ जहां पहाड़ों के बीच बहती नदियां दिखती हैं वहीं दूसरी तरफ पहाड़ों पर घने जंगल भी दिखते हैं। वहीँ उत्तर-पश्चिम गढ़वाल क्षेत्र स्थित मोरी उत्तरकाशी जिले के बेहतरीन हिल स्टेशनों में से एक है। मोरी हिल अपने आप में खूबसूरती के लिए मशहूर है। यहां की सुंदरता और मनोहारी दृश्य इस हिल स्टेशन का बढ़ा देते हैं। यहां का शांत वातावरण, स्वच्छ हवा और मौसम इसे बेहतरीन हिल स्टेशनों में से एक बनाते हैं। पेड़ों से लदे पहाड़। हरे-भरे धान के खेत, कल-कल बहती टान्स नदी, बेहतरीन वॉटरफॉल, झीलें और देवदार के पेड़ मोरी को और भी मनोहारी बनाते हैं।
एशिया का सबसे लंबा देवदार का जंगल मोरी में ही है। मोरी न सिर्फ प्राकृतिक संपदा का धन है बल्कि प्राचीन मंदिरों और बेहतरीन वास्तुशिल्प से भी समृद्ध है।
समुद्रतल से 1150 मीटर ऊपर टॉन्स नदी के किनारे है मोरी। यहां बहने वाली टॉन्स यमुना की सहायक नदियों में से एक है। मोरी में इच्छारी बांध, दुर्योधन मंदिर, लुनागढ़ क्रीक, नेटवार, जैखोल पर्यटकों को सबसे ज्यादा लुभाते हैं। यह छोटा सा गांव देवदार जंगलों के बीच है। मोरी जाने के लिए मसूरी से बस या टैक्सी ली जा सकती है। मसूरी से मोरी सिर्फ 139 किलोमीटर है। नजदीकी हवाई अड्डा जॉली ग्रांट देहरादून है, जो 170 किलोमीटर दूर है। नजदीकी रेलवे स्टेशन देहरादून है जो 178 किलोमीटर की दूरी पर है।